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श्यानदत्त(अंकित)अंश्मी के बारे में

समाज सेवी हु मै सेवा करना मेरा पेसा है मै स्वार्थी हूँ ऐसा लोगो को अंदेसा है ऐसा नहीं है की स्री विरोधी हूँ मै पर पुरष वर्ग के शोषण का सोधी हूँ मै।।।।।

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श्यानदत्त(अंकित)अंश्मी के लेख

जाने वाले साल

31 दिसम्बर 2016
2
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अभी तो तेरा आभाष हुआऔर तू चल दिया,,,क्या लिया क्या दियाये अभी मैं जाना भी नहींऔर तू चल दिया,,,किसने छीनी ख़ुशीकिसने गम दियाये जाना नहींऔर तू चल दिया,,,किसी ने अपना कहाकोई बेगाना हुआतो किसी ने जज्बातो कुचल दियाऔर तू चल दिया,,,अभी तो खुशियो को जीना थाकुछ और गम को पीना थाऔर तू चल दिया,,,ऐ जाने वाले सालज

कसक

10 मई 2016
3
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कसक तो तुझमे भी है,मेरे क़रीब आने की....करीब आकर मुझमें समां जाने की...फिर भी कुछ है जो ,हमे मिलने से रोकता है...यह जमाना कुछ न कहकर भी ,रिश्तों का डर दिखाकर .टोकता है।।।ऐसा नही की सब ही ,खिलाफ है मेरे....बस जो साथ है ,वो कुछ खास है मेरे....हर किसी ने कर देखी है,हमारे रिश्ते की नुमाइश....सरेआम हुई है

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