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सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ममता ने बताया नैतिक जीत, अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी

5 फरवरी 2019

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लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआई के बीच चल रही लड़ाई अब सियासी अखाडे में तब्दील हो चूकी है। बीते रविवार से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठी हैं। जिसे देख कर लग रहा है, अब यह लड़ाई 2019 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेगी। यह लड़ाई तय करेगी की दिल्ली की गलियों में किसका सिक्का चलता है। बीते 21 दिनों में ये दूसरा मौका है जब तमाम विपक्षी दल ममता बनर्जी के साथ एक मंच पर कंधे से कंधा मिलाए खड़े हैं। हालांकि ममता बनर्जी ने ये साफ़ कर दिया है कि वे धरने पर किसी राजनीतिक मंसा से नहीं बैठी हैं वे सीबीआई के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।

बहरहाल आज सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई हुई। इस मसले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच सुनवाई कर रही है थी।

सीबीआई ने अपनी दलील देते हुए कहा कि

एसआईटी ने सही तरीके से नहीं की जांचसुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की ओर से अटॉर्नी जनरल ने दलील दी है कि इस मामले में एसआईटी ने जांच सही से नहीं की है। जांच के दौरान टीएमसी से जुड़े लोगों की जांच नहीं की गई है, सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की। समन के आधार पर हम एसआईटी के पास गए, क्योंकि सीबीआई को सभी दस्तावेज नहीं सौंपे गए थे। सीबीआई ने कहा है कि एसआईटी के प्रमुख डीजीपी थे, लेकिन राजीव कुमार ही सारी फंक्शनिंग कर रहे थे।

सीबीआई की तरफ से कहा गया कि

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है, सुदिप्तो रॉय को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया। उनके पास से लैपटॉप और सेलफोन बरामद किए गए थे। हमें वो डाटा भी मिला, जो फोरेंसिक को नहीं भेजे गए थे। उन्होंने दावा किया कि जो सबूत सीबीआई को दिए गए वो अधूरे थे। साथ ही कॉल डिटेल की जानकारी भी नहीं दी गई थी। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सीबीआई ने दर्ज की गई एफआईआर पर कार्रवाई की, एफआईआर रोजवैली के खिलाफ था।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि

राजीव कुमार को पूछताछ का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हम नोटिस के जारी किए बिना कोई अवमानना नहीं कर सकते हैं। अवमानना तय करने से पहले दूसरे पक्ष को भी सुनना होगा।

सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं कर सकती

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आदेश दिया है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होना चाहिए और उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए. हालांकि, इस दौरान सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं कर सकती है।

20 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की ओर से डीजीपी, कमिश्नर को अवमानना मामले में नोटिस जारी कर दिया गया है। इसका जवाब 18 फरवरी तक दाखिल करना होगा। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि डीजीपी, पुलिस कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी को 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में पेश होना होगा।

ममता बनर्जी ने बताया नैतिक जीत

SC का आदेश हमारी नैतिक जीत सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे अपनी नैतिक जीत बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है, हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस देश का कोई बिग बॉस नहीं हो सकता है, सिर्फ लोकतंत्र ही बिग बॉस है।

SC Hearing in West Bengal CBI matter: Supreme Court issues notice to Commissioner Of Police Kolkata, DGP and West Bengal govt on contempt plea.

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