!! दोस्तों नमस्कार !!
दोस्तों, जैसा कि आप सभी को पता ही होगा कि 12 जनवरी 1863 को भारत की किस महान हस्ती का जनम हुआ था ?
यदि नहीं भी पता तो बता देते हैं |
उनकी याद सभी को दिला देते हैं ||
स्वामी विवेकानंद है उनका नाम !
थे वो पुरुष महान !!
महापुरुषों पर जितना भी लिखा जाय कम होगा !
दोस्तों, आखिर हमपे कहाँ इतना दम होगा ??
पर फिर भी उनसे प्रेरणा लेकर कुछ कोशिश करते हैं |
और स्वामी जी के गुणों पर कुछ तुकबंदी करते हैं ||
देश का गौरव बढ़ाने की जब स्वामी जी ने थी ठानी |
शिकागो में उनकी स्पीच सुनकर, दनियां ने भी उनकी बात थी मानी ||
थे नहीं वो कोई अभिमानी !
वे तो थे बड़े स्वाभिमानी !!
ना थे वो कोई नेता और ना ही थे वो अभिनेता !
वो तो थे आत्म-विजेता !!
मानते हैं उन्हें बड़े-2 ज्ञानी-ध्यानी !
आखिर थे भी तो वो आत्मज्ञानी !!
है सारी दुनिया उनकी अनुगामी !
आखिर थे वो अपने मन के 'स्वामी' !!
थे इरादे उनके महान और नेक !
भक्ति-ज्ञान-वैराग्य से जगमग था उनका 'विवेक' !!
खुशबू फैली उनके गुणों की ऐसी !
कमल, गुलाब और गुलकंद के फूलों जैसी !!
किया नहीं सीखना-सीखाना उन्होंने कभी बंद !
हर परिस्थिति में रहता था उनके भीतर 'आनंद' !!
जुड़े जब तीनों गुण - 'स्वामी' 'विवेक' और 'आनंद' !
तो बनता है नाम - 'स्वामी विवेकानद' !!
!! धन्यवाद !!
स्वरचित - रोहित थपलियाल के द्वारा |