13 मई 2016
वो जज़्बात ही क्या जिन्हें जताना पड़े,
वो इश्क़ ही क्या जिसे लब्ज़ों में बताना पड़े..
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Writer | Poet | Shaayar | SongwriterD
आजचाँद मेरे बहुत करीब था,उसभीड़ में वही एक मुझ को अज़ीज़ था ♥♥ मेरेदिल ने कहा की उसके लबो से,थोड़ीसांसे पी लूँ मैं,हरलम्हे ने जो मुझे मौत दी है,अबएक लम्हे में ये ज़िन्दगी जी लूँ मैं ♥♥ उसकीबिखरी चांदनी ने,मुझेउसके दिल का पता दिया,वोजो मुझसे कह ना सका था,उसकीखामोश नज़रो ने स
महोब्बत तुझसे बेइंतहा की है,तेरे भी इश्क़ में थोड़ी सी तो सच्चाई थी,तनहा नहीं था राह-ए-इश्क़ में कभी,आग इश्क़ की तूने भी तो दिल में लगायी थी...Read complete poem here... Lovelorn Poetry: Judaai | Love Poems
वो जज़्बात ही क्या जिन्हें जताना पड़े,वो इश्क़ ही क्या जिसे लब्ज़ों में बताना पड़े..Read complete poem here... Lovelorn Poetry: Teri Rooh | Infinite Love
आज देखा जो मैंने तेरी आँखों में काज़ल,मुझ पर फिर बरस रहे हैं महोब्बत के बादल |~ MSFor more visit at...Lovelorn Poetry: काज़ल | Infinite Love
आज भी एक सवाल छिपा है दिल के किसी कोने में,की क्या कमी रह गयी थी तेरा होने में |For more visit at..Lovelorn Poetry: September 2014
Lovelorn Poetry: Kinaara | Infinite Love
ऐ बहारों ठहर जाओ ज़रा,मेरा महबूब आने वाला है,सितारे भी इस इंतज़ार में बैठे है,कि आज ज़मी पे चाँद निकलने वाला है..Read Complete Poem Here...Lovelorn Poetry: मेरा महबूब | Hindi Poetry
अब तुम भी नज़रें मिला ही लो,फूल इश्क़ के दिल में खिला ही लो,हम तो चाहेंगे तुझे उम्र भर ही,तुम भी इश्क़ में कुछ देर दिल बहलाही लो ♥♥Read Complete Poem Here...Lovelorn Poetry: नज़रें | Hindi Poetry