महोब्बत तुझसे बेइंतहा की है,
तेरे भी इश्क़ में थोड़ी सी तो सच्चाई थी,
तनहा नहीं था राह-ए-इश्क़ में कभी,
आग इश्क़ की तूने भी तो दिल में लगायी थी...
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12 मई 2016
महोब्बत तुझसे बेइंतहा की है,
तेरे भी इश्क़ में थोड़ी सी तो सच्चाई थी,
तनहा नहीं था राह-ए-इश्क़ में कभी,
आग इश्क़ की तूने भी तो दिल में लगायी थी...
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क्या बात है !!
12 मई 2016