आज
चाँद मेरे बहुत करीब था,
उस
भीड़ में वही एक मुझ को अज़ीज़ था ♥♥
मेरे
दिल ने कहा की उसके लबो से,
थोड़ी
सांसे पी लूँ मैं,
हर
लम्हे ने जो मुझे मौत दी है,
अब
एक लम्हे में ये ज़िन्दगी जी लूँ मैं ♥♥
उसकी
बिखरी चांदनी ने,
मुझे
उसके दिल का पता दिया,
वो
जो मुझसे कह ना सका था,
उसकी
खामोश नज़रो ने सबकुछ बता दिया ♥♥
आहिस्ता
– आहिस्ता उसकी जुल्फों की हवाओ
ने,
जो
इस टूटे दिल को, प्यार की
फिर खुशबू दी है,
मैंने
ख्वाबो में आज फिर,
उसके
कदमो की आहट सुनी है ♥♥
मैं
लाख दिल को झूठ कहूँ,
पर
वही मेरा आदिल है,
मैं
ज़िन्दगी के मझधार मैं खड़ा हूँ,
वही
मेरा साहिल है ♥♥