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यू आर माय लाइफ

6 सितम्बर 2021

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उसके बाद जागृति उन दोनो के रास्ते से हट गई। साहिल और राज जाकर गाड़ी में बैठ गए।
साहिल तो जागृति को तबतक देखता ही रहा,जब तक उनकी गाड़ी वहां से ओझल नहीं हो गई।

साहिल सीट से सिर टिकाकर बोला—" यार राज क्या लड़की है। तुमने देखा कैसे बात कर रही थी,मुझे तो लगता है किसी से भी नही डरती होगी।

राज ने गाड़ी टर्न करते हुए कहा–" हां देखा मैने भी,उस लड़की को क्या नाम बताया?सोचते हुए।
"जागृति" साहिल ने नाम याद दिलाया।

राज—" हां , हां वही जागृति। वैसे तुझे कुछ ज्यादा ही जल्दी नाम याद नहीं हो गया तुझे! तू विदेश पढ़ने के लिए गया था या बस यूं ही लड़कियों को ताड़ने के लिए।

साहिल–" तुझे क्या लगता है? अरे पूछ मत मेरे भाई,वहां की लड़कियां कितनी खूबसूरत होती है ना कि.....

राज– चाहे कितनी भी खूबसूरत हो,हमारी भारतीय लड़कियों की तरह तो बिलकुल नही हो सकती।

कुछ ही देर में दोनो साहिल के घर पहुंचे। साहिल ने घर का डोर बेल बजाया। साहिल की मां देवकी जी ने दरवाजा खोला,लेकिन वहां सिर्फ राज खड़ा था। देवकी ने पूछा।—" अरे राज,तुम यहां आज अचानक कैसे? तुम्हारे दोस्त के जाने के बाद तो तुम आए ही नहीं बस दो चार बार हमसे मिलने के लिए आए थे।

राज—" क्या आंटी अकसर तो आता ही रहता हूं,शायद आप भूलने लगी हैं। देवकी को लगा कोई उसके पैर पकड़े हुए है,उसने कहा–" अरे,अरे तुम कौन हो और ऐसे मेरे पैरों पर क्यों पड़े हुए हो। उठो, उठो।

साहिल–" मोम पहले आप आशीर्वाद तो दीजिए। और ये क्या अपने बेटे को पहचान भी नही रही हैं।

देवकी ने साहिल को कान पकड़कर उठाया और कहा–"अरे मेरे सैतान बच्चे अगर ऐसी हरकत करोगे तो पहचानेंगे कैसे? जब यहां से गए थे तब तो ऐसे नहीं थे। अब चलो इतने देर सफर करने के बाद थक गए होगे,फ्रेश हो लो। साहिल ने देवकी को गले लगाया–" ओ मोम, आप मोम सच में कितने क्यूट और प्यारे होते हो। कुछ कहने से पहले ही समझ जाते हो आपके बच्चे को किस चीज की जरूरत है।

देवकी—" चल, बहुत हो गया अब अंदर चल और फ्रेश होकर जल्दी आ तब तक मै तुम्हारे खाने के लिए कुछ बना देती हूं।

साहिल और राज दोनो ही कमरे में चले आए। साहिल फ्रेश हुआ। उसके बाद बाथरूम से निकलकर रूम में आया और राज के बगल में बैठ गया।

राज - भाई साहिल तू भूल तो नहीं रहा है न? शाम होने वाली है,और तुमने पार्टी के लिए पहले ही दोस्तों को बुलाया है याद है ना??? अगर नहीं पहुंचा तो  कुटेंगे सारे मिलकर तुझे अमन, विकास दोनो कब से कॉल पर कॉल किए जा रहे हैं बोल क्या जवाब दूं उन्हे । तभी उसके स्क्रीन पर रिंग हुई जिसमे अमन नाम फ़्लैश हो रहा था - बता क्या कहूं ,क्या जवाब दूं इन कमीनों को??

साहिल - बोल दे कि..हम आ जाएंगे। राज ने फोन रिसीव करते हुए कहा- अरे अमन हम आ जाएंगे टाइम से , तुमलोग ना साहिल के फार्म हाउस में आ जाना ठीक है। अमन ने ठीक है कहकर फोन रख दिया।

जब दोनो नीचे आए तो देवकी खाना बना टेबल पर रख चुकी थी। थोड़ा सा खाने के बाद साहिल ने कहा - मोम... वो हम बाहर जा रहे हैं। सालो बाद लौट कर आया हूं ना तो दोस्तो ने पार्टी मांगी है । आप पापा को बोल देना मैं रात में ही आ पाऊंगा  या ना भी आऊं...ज्यादा रात हो गयी तो?


देवकी मुस्कुराते हुए बोली- ठीक है जा, मै बोल दूंगी तेरे पापा को कि उनके लाडले बेटे वापिस आ गए हैं और आते ही अपने दोस्तों से मिलने और  पार्टी करने गए हैं।

साहिल - ठीक है मोम...थैंक यू सो मच,लव यू चलते हैं,बाय,,,,,,।

राज , देवकी के गले लगकर कहने लगा - बाय,,,आंटी, फिर आऊंगा आपसे मिलने।

देवकी  मुस्कुराकर। - ठीक है बेटा बाय,,, इतना सुनकर राज उससे अलग हुआ और वहां से दोनो चले गए अभी ड्राइविंग सीट पर साहिल था वह राज से कहने लगा।- कमिने कहीं के तुझे जरा सी भी फिक्र नहीं है ना मेरी? मुझसे ही ड्राइव करवा रहा है! ये भी नहीं सोचा? बेचारा उतना दूर से सफ़र करके आया है, थक गया होगा, लेकिन नहीं  तू क्यों करेगा। - कहकर मन ही मन साहिल उसे गाली देने लगा। लेकिन राज एक शब्द भी नहीं बोला... वह तो चुपचाप सीट की तरफ पीछे टिककर सो रहा था! हां ये बात अलग है कि उसे नींद नहीं आई थी। इसलिए मन ही मन वह भी साहिल की बातें सुनकर मुस्कुरा रहा है। उसे तो यह भी पता है कि साहिल के मन में  अभी उसके लिए कैसी भावनाए आ रही होगी।


रात में डिनर करने के बाद अंजली अपने कमरे में आकर स्टडी टेबल पर बैठ गई और नोट्स निकाल कर पढ़ने लगी । लगभग दस मिनट हुए होंगे की उसका फोन बज उठा उसने देखा जागृति का कॉल है अंजली फोन रिसीव करते हुए बोली।" - हां जागृति बोल.....


जागृति - कैसी हो तुम अभी???

अंजली - देखकर तो गई हो! वैसी ही हूं।

जागृति - अच्छा.... ठीक है मै फोन रखती हूं।


अंजली - अरे क्या हुआ? सिर्फ इतना ही पूछने के लिए फोन किया था क्या तूने..?? तुम ठीक हो??

जागृति - हां मैं ठीक हूं..! मुझे क्या होगा? बस हाथ में थोड़ी चोट लगी है और कुछ नहीं।


अंजली परेशान होते हुए बोली - क्या..? क्या..? कहा तुमने, चोट लगी है। कब? कैसे? और कहां? तेरा ध्यान कहां रहता है????


मैंने कितनी बार कहा है तुम्हे ठीक से स्कूटी चलाया कर लेकिन नहीं तुझे मेरी बात ही कहां सुननी! तुझे तो बस हवा में उड़नी है, है ना??

जागृति - अरे मेरी अम्मा.. पहले तो तू शांत हो जा। और प्लीज डांटना बन्द कर।

अंजली - अच्छा ठीक है नहीं डाटूंगी..!! अब बताओ कैसे हुआ ये सब???

जागृति - वो जब मैं घर आ रही थी ना तो टरनिग के पास मेरा ध्यान ही नहीं रहा और जाकर सामने से आ रही कार से टक्कर हो गई। उसने अंजली को वहां पर हुई सारी बात बताई।

अंजली उसकी बातों को सुनकर हंसते हुए बोली- तू भी ना बिल्कुल नौटंकीबाज  है! एक तो खुद की गलती थी और ऊपर से तूने उन बेचारों से ही माफी भी मंगवाई...!! वो तो अच्छा हुआ कि सरीफ बंदे थे ।


जागृति ने भी हंसकर कहा - सरिफ और वो....! हो ही नहीं सकता यार?? एक तो फ्लर्ट करने में आगे और दूसरा अकड़ वाला था। अच्छा ठीक है फोन रखती हूं मुझे निनी आ रही है। बाय,, गुड नाईट लव यू..। मुस्कुराकर अंजली ने भी गुड नाईट कहा और फोन डिस्कनेक्ट हो गया।।


साहिल अपने फार्म हाउस के सामने पहुंचकर गाड़ी रोक दी! दोनो गाड़ी से उतरकर अंदर चले गए जहां उसके बाकी दोस्त पहले से ही इंतजार कर रहे थे।राज और साहिल को फार्म हाउस के अंदर आते देखकर अमन और विकास दोनो बहुत ही ज्यादा खुश हुए लेकिन अपने चेहरे पर खुशी की कोई भी भाव प्रकट होने नहीं दिया। बस उन दोनों की ओर दौड़ पड़े। अपनी तरफ आते देखकर राज और साहिल के चेहरे खिल उठे और उन्हें गले लगाने के लिए राज और साहिल ने अपनी बाहें खोल दी, लेकिन अमन और विकास ने उनके पास आकर दोनो को गले से बिल्कुल नहीं लगाया?? बल्कि उनके सोच के विपरीत दोनो को मुक्के और घुसे मारने लग गए।

साहिल - अबे, सालों तुम लोग दोस्त हो या कोई दुश्मन! जो पाते ही इस तरह से हमला कर रहे हो। जान लेने के इरादे से मिलने बुलाया है क्या??

विकास - अरे तुम्हारे ही दोस्त हैं भाई! और दोस्त होने के नाते हमारा यह फर्ज बनता है की नई,हम तुम्हारा अच्छे से खातिरदारी करें..!!!  तो बस इसीलिए वही हम कर रहे हैं? क्यों अमन???
"बिल्कुल"- अमन भी उसकी हां में हां मिलाते हुए कहने लगा।

राज -चलो साहिल को पीट रहे हो वो तो ठीक है,ये सब तो समझ में आ रहा है कि वह सिंगापुर जाने के बाद  हम सबको  बिल्कुल भी याद नहीं करता था! लेकिन भाई मुझे क्यों मार रहे हो मैंने क्या किया है, कम से कम पहले मुझे इसकी वजह तो बता  दो??

अमन - विकास तुम साहिल को छोड़ो उसे हम बाद में देख लेंगे पहले इसको देखते हैं।

अब दोनो साहिल को छोड़कर राज की तरफ झपट पड़े विकास राज के उपर चढकर कहने लगा - हां,भाई! अब बोल क्या पूछ रहा था तू??हम तेरे सवालों के जवाब देते हैं।

राज - यही पूछ रहा हूं की मुझ पर क्यों टूट रहे हो दोनो मैंने क्या किया है,मारना ही है तो साहिल को मारो ना...!
हमे छोड़कर सिंगापुर ये गया था, मै नहीं..??


अमन - इसलिए ही तो तेरी खातिरदारी कर रहे हैं।
देख, साहिल तो गया हुआ था विदेश,लेकिन तुम तो यहीं थे ना तो फिर हमसे मिलने क्यों नहीं आते थे, ना ही फोन पर बात करते थे? क्या सिर्फ साहिल ही तुम्हारा दोस्त है! हम दोनों नहीं कितना मिस किया हमने तुझे पता भी है। साहिल से भी ज्यादा तुझे याद करते थे?? क्या भूल गया कॉलेज में हमारी दोस्ती कैसी थी, मै,विकास,साहिल और तुम हमेशा साथ - साथ रहते थे, एक - दूसरे के लिए सबसे लड़ पड़ते थे। हां, माना कि साहिल से तुम्हारी हमसे भी ज्यादा गहरी दोस्ती है। लेकिन भाई हम भी तो तुम्हारे ही दोस्त हैं ना? एक ही शहर में रहकर तुम्हे एक साल आठ महीने बाद मिल रहे हैं? कहते हुए अमन के आंख भर आए।

राज - विकास समझा अपने भाई को देख लड़कियों की तरह कैसे इमोशनल हो रहा है।

विकास - भाई अब मै क्या समझाऊं उसको सही ही तो कह रहा है अमन। साहिल के विदेश जाने के बाद तो तुमने हमें भी याद नहीं किया कभी जैसे हम तुम्हारे कुछ लगते ही नहीं??

राज ने दोनो को अपने गले लगाया और कहा - ऐसी बात नहीं है यार मुझे भी याद आती थी तुम दोस्तों की। लेकिन मैं उस वक्त बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहता था। इसलिए कभी फोन या मैसेज के बारे में ख्याल ही नहीं आया?? सॉरी...!! साहिल जो कबसे बस उन्हे देख रहा था अब उसे रहा नहीं गया तो जाकर पीछे से राज को गले लगाते हुए कहा - अबे, मै भी दो सालों बाद आया हूं और तुम लोग मुझे गले लगाने के बजाय? उल्टा तुम लोग मेरी तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे हो..?? चलो अब सब अलग हो जाओ बैठकर आज  बीयर पीते हैं। क्या बोलते हो??


साहिल की बात सुनकर सब मुस्कुराते हुए एक - दूसरे से अलग हुए और सोफे पर बैठ गए।

उसने चार बोतल बियर मंगाई साथ में खाने के लिए भी। ऐसा बिल्कुल नही है कि यह सब शराबी हैं, बस कभी कभी खुशियों के पल में थोड़ा पी लिया करते हैं और जब दर्द बर्दास्त के बाहर हो तब। और अभी तो दोस्त लौटकर आया है इसलिए इतना सा बनता है।


साहिल ने बोतल की ढक्कन खोलते हुए कहा – चलो कंपीटीशन करते हैं, देखते हैं कौन सबसे पहले खत्म कर पाता है।

विकास, अमन – हां, हां, चलो हो ही जाए..!! क्या बोलते हो राज?? कहकर उसकी तरफ देखने लगे।

राज — यार.... बहुत दिन हो गए हैं, हाथ तक नहीं लगाया हूं! अगर चढ़ गई तो मुझे भी नहीं पता क्या करता फिरूँ??

तीनो राज की तरफ देखकर हंसने लगे जैसे उसका मजाक उड़ा रहे हो?? साहिल ने कहा – अरे रहने दे भाई! क्यों झूठ बोल रहा है?सच बोल की पीने से पहले ही हार गए हो,या पीना ही नहीं चाहते?क्योंकि यह तो हमे भी पता है, कि तुझे चढ़ती नहीं है जल्दी और ये तो बहुत कम है??

राज — यार वो तो तब की बात है। लेकिन अब अगर चढ़ गई तो...???तो, तो क्या यहीं पर सो जाना... कहकर साहिल ने पूरी बोतल ही उसको पीला दी और दूसरा खुद पीने लगा। अमन और विकास भी अपनी बोतले खाली करने लगे।

अंजली, जागृति से बात करने के बाद स्टडी टेबल पर बैठ कर अपनी बुक पढ़ रही थी उसका इस साल फाइनल ईयर का एग्जाम था। और वो इसमें बेहतर करना चाहती थी। इसलिए पूरी सिद्धत से अपनी पढ़ाई कर रही थी। लेकिन उसे नोवेल पढ़ना बहुत अच्छा लगता है इसीलिए कभी कभी वो भी पढ़ लेती थी। काफी देर बाद उसने अपनी किताबों से ध्यान हटाकर एक नोवेल की किताब निकाली और पढ़ने लगी।

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