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udasi के लेख

फना

18 नवम्बर 2021
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<div>इस जमाने की चालाकिया हमे मंजूर कहा साहेब दिल फना हो जाए अपने नादानीयो मे मगरुर हो क</div>

दिवाना

16 दिसम्बर 2018
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दिवाना हुं मै तेरा दिदार करुगा तेरे सितम के बाद भी तुझसे प्यार करुगारुठ जायेगी मेरी हरकतो से तो क्यामै लाचार हुं दिल से दिल का ही सुनूगादिवाना हुं मै तेरा दिदार करुगामाना मै नही तेरे ख्वाबो के अधीकरो मेनफरत हुं मै अगर तेरे लियेतो लाती होगी ख्यालो मे मुझेदिवाना हुं मै तेरे दिदार करुगातेरे सितम के बाद

मोहब्बत

14 दिसम्बर 2018
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मोहब्बत

मोहब्बत

14 दिसम्बर 2018
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मोहब्बत

मोहब्बत

14 दिसम्बर 2018
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मोहब्बत

दिल

29 मार्च 2018
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दिल तो दिल है ऐ उदासी किसी को दिल मे बसाना तो कोई बात नही मगर किसी का दिल बदल जाये तो होगे बेवफाई कहते है जिसे दिल वह तो है एक राजे समुन्दर जिसका जन न सका कोई गहराई यह चाहत तो है दिल की रजामंदी कुछ न मिलेगा ऐ जमाना तुझे जान के जैसे मिटते है शमां किसी के चाह मे सब कुछ जान के वैसे ही तडपता है दिल किसी

वजह

28 मार्च 2018
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किसी के दर्द का वजह कोई क्यो बने कोई हर समय आहे भरे ऐसा काम भला कोई क्यो करे लिए है जन्म इस धरती पर तो बे वजह नही जैसे चलते है राहो पे तो बिन मंजिल के नही हसने कि चाह हो तो खुद ही पे हस लिया कर न दे किसी को भी दर्द किसी से दर्द मिलने पर यह दर्द का सिलसिला तो जन्म से लग जाता है अन्त क्षण तक तो यही सा

तर्क फर्क

26 मार्च 2018
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सब्र कर ले ऐ उदासी कब्र तेरे तैयार पडे है एक दिन वहा तक जाना है सबको क्यो किसी को परेशान करे करो न कुछ भी ऐसा यहा पर की तन अन्तिम यात्रा के लिए इन्तजार करे गलत कुछ भी नही है यह गलतफहमी है लोगो गलत तो बस अन्धकार करे सही रहेता है उस दीपक की तरह जो जहां जाये रोशनी करे गलत सही की जो न पहचान करे वह खुद क

दिले चाह

25 मार्च 2018
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दिले चाह जरूरी है मगर दिले नादानी कहा तक है मुमकिन एक वफा कर के तो देख बेवफाई तुम्हें इल्जाम लगेगे जरूर कोसेगे मन तुम्हें जब फुर्सत के पल आराम करोगे भागोगे कब तक काह पे तुम जब फर्ज का एहसास तुम्हें परेशान करेगे किसी का दिल तोडना गुनाह हो समझते तो दिल्लगी करने का ख्याल ही क्यो हो रखते दिलो की चाह तो

प्रेम

25 मार्च 2018
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ईबादत मीनारों मे करो या मन्दिरों मे रूहे आराम मिलते है तो पेट भरने से हर सकुन मिलेगे बस माशुमो मे करो जतन उनके खिलने मे प्रेम सा वातावरण दिखेंगे ईश्वर के नजारो मे मतभेद भरे मिलेगे बस इन्सानी विचारों मे लाख जरिया तलाश ले तु जिने के साहारो मे मगर प्रेम सत्य के शिवा कुछ नही अन्त के नजारो मे

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