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उम्मीद की किरण

18 अप्रैल 2017

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उम्मीद की एक किरण

हर बार

दिल के दरवाजे पर

जाने किस झरोखे से

कुछ यूँ झांकती है

के कुछ पल के लिए ही सही

चेहरे पे ख़ुशी की झलक

साफ दिखाई देती है,

मन खुश होता है,

दिल खुश होता है,

फिर जाने कैसे

चिंताओं की परछाई

उस किरण के सामने

आ जाती है

सब दूर अँधेरा छा जाता है

दिल डूब जाता है।

धीरे धीरे लड़खड़ाती सी

फिर गुम हो जाती है

वो किरण..

जो दिल के किसी कोने में

उम्मीद का दिया

जला जाती है।

बस यही सिलसिला

हर रोज

मेरे साथ घटता है

जैसे

ज़िन्दगी के समय की रेत

क्षण क्षण

शनैः शनैः

घटती जाती है।

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उम्मीद की किरण

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उम्मीद की एक किरणहर बारदिल के दरवाजे परजाने किस झरोखे सेकुछ यूँ झांकती हैके कुछ पल के लिए ही सहीचेहरे पे ख़ुशी की झलकसाफ दिखाई देती है,मन खुश होता है,दिल खुश होता है,फिर जाने कैसेचिंताओं की परछाईउस किरण के सामनेआ जाती हैसब दूर अँधेरा छा जाता हैदिल डूब जाता है।धीरे धीरे लड़खड़ाती सीफिर गुम हो जाती हैवो

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