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वीर सावरकर

6 नवम्बर 2021

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‘‘वीर सावरकर’’

Sc. No.        :        01

VOICE OVER

(वीर सावरकर के असली फोटो दिखाते  हुए कैमरा  चलता है- उनके अलग-अलग फोटोज़ दिखाते हैं। )

वॉइस  --   विनायक दामोदर सावरकर भारत माता के सच्चे सपूत

और देशभक्त थे। उनका जनम 28 मई 1883 में नासिक जिले के भगुर गाँव में हुआ था। वह आजादी की लड़ाई में स्कूल के

ज़माने से बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। पुणे से गु्रेजुएशन ख़त्म करने के बाद बैरिस्टर की पढाई के लिए लंदन गये। वहाँ भी वह

अंग्रेजों के विरूद्ध संग्राम छेड़े हुए थे। उन्हें पहली बार लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें आगे की कार्यवाही के लिए

भारत भेजने के लिए एस.एस. मोरिया जलपोत पर बिठा दिया गया।

Sc. No.        :         02

Location     :         Sea

Effect          :         Day- Ext.

(टॉप शॉट में  समुद्र में  एस.एस. मोरिया जलपोत जा रहा है। बहुत दूर फ्रांस शहर दिख रहा है। )

Sc. No.        :         03

Location     :         Ship

Effect          :         Day- Int.

Characters   :         Sawarkar & Police

(मास्टर शॉप में सावरकर जहाज़ के एक कमरे में बैठे हैं। उनके साथ पुलिसवाले भी हैं। सावरकर एक पुलिसवाले को इशारे

कर कहते हैं।)

सावरकर ः मुझे... टॉयलेट जाना है...

पुलिस ः ओके... लेट्स मूव....

(सावरकर उठकर टॉयलेट के पास जाता है। वहाँ दरवाज़े को देखते हैं, फिर पुलिसवाले को देखते हैं, वह अंदर जाने का

इशारा करता है।)

पुलिस ः जाओ.... (सावरकर अंदर जाते हैं।)

Sc. No.        :         04

Location     :         Toilet

Effect          :         Day- Int.

Characters   :         Sawarkar

(सावरकर टॉयलेट की खिड़की से समुद्र में छलांग लगाते हैं....

(सा

Sc. No.        :         05

Location     :         Sea -ship

Effect          :         Day- Ext.

Characters   :         Sawarkar

वरकर समुद्र में तैर रहे हैं... जहाज़ पीछे छूटता जा रहा है। वह तैरकर फ्राँस के किनारे पहुँचते हैं.... वह बाहर निकलकर आगे

बढ़ते हैं.... तभी पीछे से अंग्रेज़ पुलिस उन्हें फिर से पकड़ लेती है...)

Sc. No.        :         05 A

(भारत में उनके उपर मुकदमा चला और न्याय के इतिहास में पहली बार उन पर दोहरी सज़ा हुई.... उन्हें दो केस पर 25-25

साल.... यानी कि 50 साल, वह भी सश्रम और कालापानी....

(Top shot- Court  का दृश्य चल रहा है... सावरकर कटघरे में खड़े हैं... जज सज़ा सुना रहा है।)

जज ः सावरकर को दोनों जुर्मों के लिए अलग-अलग 25-25 वर्षों

का सश्रम कारावास और इनके जैसे खूँख़ार आतंकवादी को कालापानी भेजा जाए।

Sc. No.        :         06

Location     :         Kala-Pani Jail

Effect          :         Day- Ext.- Inside Jail

Characters   :         Sawarkar, David Bery & Other staff

(टॉप शॉट में जेल दिखाते हैं... जेल के चारों ओर ऊँची दीवारें और उस पर भी तार लगे हुए थे। जेल के प्रांगण में सावरकर को

लाते हैं.... उनके हाथ और पैरों को बेड़ियों से जकड़ा गया है। उनके सर पर कम्बल है... जेल का माहौल अजीब-सा भयावह

लग रहा है... सावरकर के गले में एक धातु पत्र लगा है। (प्लेट  ) उसमें उनका डिटेल्स  लिखा है- और साथ ही ; D ; बना 

है.... मतलब  ये  बहुत ही डैंजरस  है। उसी समय जेलर  Superintendent Mr. David Bery  वहाँ आता है

और सावरकर को ऊपर से नीचे तक देखता है। सिपाही उसे घेरे हुए हैं। वह सिपाहियों को हटने के लिये बोलता है-)

डेविड ः टुम सब हटो.... ये टायगर नहीं हाय... ये बैरिस्टर हाय..

ले जाओ इसे काल कोठरी में..... जो इसके लिए रखा

गया हाय....

 

Sc. No.        :         07

Location     :         Kala-Pani Jail

Effect          :         Day- Ext.

Characters   :         Ashfaque Alam, Nandu Bhushan, Nani Gopal,

Harmeet, Somesh Chatterjee

(टॉप शॉट में सभी कै़दी नारियल छीलते हुए सावरकर के बारे में बातें कर रहे हैं।)

नन्दू ः पता चला है वीर सावरकर को भी लाया गया है...

(सभी चौंकते हैं....)

हरमीत ः आये.... ये तो बहुत अच्छी ख़बर है...?

चटर्जी ः क्या अच्छी ख़बर हाय.... शेर को पिंजरे में बंद कर

दिया....?

अशफाक़ ः शेर जंगल में हो या पिंजरे में- वो दहाड़ना नहीं

भूलता- देखना, सावरकर यहाँ भी कुछ ना कुछ कारनामा करेंगे।

Sc. No.        :         08

Location     :         Sawarkar Kothari

Effect          :         Day- Int.

Characters   :         Sawarkar &  David

(सावरकर अपनी कोठरी में बंद है। उनके सामने नारियल का ढ़ेर लगा है और दूसरी ओर छिले हुए नारियल हैं.. तो एक ओर

छिलके का ढेर लगा है.... सावरकर नारियल छिल रहे हैं.... वह अपना हाथ देखते हैं.... जिन पर छाले पड़ गये हैं और उँगलियों

से ख़ून निकल रहा है। उसी समय डेविड अंदर आते हुए कहता है-)

डेविड ः      How are you Mr. Sawarkar…?

सावरकर ः भारत माँ के सिपाही हर हाल में खुश रहते हैं।

डेविड ः (मुस्कुराकर) टुम लोगों की अकड़ नहीं जाती.... वैसे   मैंने तुम्हें साधारण लोगों से कम काम दिया है.

..You are educated ..!. You are Barrister…!!  तुम ये सब चक्कर में क्यों पड़ता हाय....

सावरकर ः (बात टालकर) मिस्टर डेविड.... मेरे बड़े भाई गणेश

सावरकर भी यहाँ हैं...Can I meet him…?

 
डेविड ः ओहो... टो तुम्हारा पूरा family गद्दार हाय....???

सावरकर ः नहीं...! देशभक्त..... भारत माता के सच्चे सपूत....please  मेरे भाई से एक बार मिलवा दीजिए.....

डेविड ः इम्पॉसिबल यहाँ कोई किसी से नहीं मिल सकता  और भाई से तो बिल्कुल नहीं.... मैं ख़्याल रखूँगा कि तुम्हारी

मुलाक़ात ना हो।

Sc. No.        :         09

Location     :         Sawarkar Kothari

Effect          :         Day- Int. – Ext.

Characters   :         Sawarkar, David  & Others

(सावरकर अपनी खिड़की से झांकते हैं.... तो उन्हें सामने फाँसी दिये जाने का स्थान दिखाई पड़ता है, जहाँ सभी जमा हैं और

एक कै़दी को फाँसी दी जा रही है। डेविड बहुत ख़ुश दिखाई देता है। सावरकर को बुरा लगता है।)

Sc. No.        :         10

Location     :         Jail Prangan

Effect          :         Day- Ext.

Characters   :         Sawarkar,  Harmeet, Nandu Bhushan, Nani Gopal,

Chatterjee, Ashfaque & Others all Qaidi with staff

(सभी लोग लाइन में खड़े हैं... सावरकर के साथ नंदू भी है। उनके आगे और लोग हैं.... नंदू धीरे से कहता है-)

नंदू ः सावरकरजी... ये जो अशफाक़ है- ना ये हिंदू था, अभी

पिछले महीने ही इसे डरा-धमकाकर और फिर लालच देकर मुस्लिम बनाया है।

सावरकर ः (चौंककर) क्या...? यहाँ धर्म परिवर्तन भी होता है....

हरमिन ः (पीछे से) बहुत कुछ हो रहा है यहाँ... अब आप के

आने से उम्मीद बढ़ी है....

(सावरकर सोचता है- तभी एक कै़दी नानी गोपाल चिल्लाता है।)

नानी गोपाल ः खाने में कीड़े हैं... ये कैसे खायेंगे।

सिपाही ः ये चुपचाप चला जा- वरना बहुत कुछ खाना पड़ेगा...

(सावरकर आगे आकर सबको देखते हैं और ज़ोर से कहते हैं-)

सावरकर ः ये सड़ा हुआ खाना हम नहीं खायेंगे।

(सावरकर के बोलते ही सभी ज़ोर से बोलते हैं-)

सभी ः कोई नहीं खायेगा....

(सभी शोर मचाने लगते हैं।)

सिपाही ः शांत हो जाओ, वरना वरना डेविड साहेब आएंगे- वो

किसी की ख़ैर नहीं....

सावरकर ः हम खाना नहीं खायेंगे..... बुलाओ डेविड को....

(उसी समय डेविड आता है- सभी शोर मचाते हैं-

डेविड सावरकर के पास आता है।)

डेविड ः टो टुम यहाँ भी शुरू हो गया- टुम वाकई हो

dangerous हो...

सिपाही ःजनाब , ये लड़का नानी गोपाल ने हंगामा शुरू किया...

डेविड ः (नानी को देखकर) हूँ... ओ.के... सब चुपचाप खाना

खाओ और अपने काम पर लगो।

गोपाल ः अभी नहीं खायेगा...

सावरकर ः कोई नहीं खायेगा... मिस्टर डेविड, आप जो यहाँ कर

रहे हो- ये कानूनन ग़लत है और सुना है आप लोग जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन भी करवा रहे हो....

डेविड ः ये सावरकर, टुम अपनी वकालत यहाँ मत दिखा...अभी  हम तुम पे रहम कर रहा है तो आवाज़ निकल रहा है...

सावरकर ः जब तक हम पर अत्याचार नहीं रुकेगा हमारी आवाज़

यूँ ही बुलंद होती रहेगी।

नंदू ः हम सब साथ हैं.....

गोपाल ः जब तक अच्छा खाना नहीं मिलेगा, कोई खाना नहीं

खायेगा...

(डेविड गोपाल को मारता है तो सिपाही मारने लगते हैं।)

सावरकर ः आप इस तरह एक नाबालिग को मार नहीं सकते हैं...

डेविड ः (पास आकर) बंद कर अपनी वकालत (सिपाही से) ले  जाओ इसे और खड़ी हथकड़ी लगाकर खड़ा करो तब

आयेगा मुझसे विद्रोह करने का मज़ा....

सावरकर ः तुम कुछ भी करो.... मैं डरने वाला नहीं...

Sc. No.        :         10

Location     :         Sawarkar Kothari

Effect          :         Day- Int.

Characters   :         Sawarkar, Sipahi & Bhupati

(सावरकर के दोनों हाथ ऊपर की ओर करके हथकड़ी से बंधे हैं.... उनकी हात खराब है। सिपाही भूपति हथकड़ी खोलता है

और उसे बिठाकर कहता है-)

भूपति ः आप डेविड साहब से माफ़ी मांग लो... कम से कम

इस सज़ा से मुक्ति मिलेगी।

सावरकर ः सुझाव के लिए धन्यवाद... अंग्रेज़ों से माफ़ी मांगने से

अच्छा होगा मर जाना....

भूपति ः नहीं- ऐसा मत कहिये.... आपकी आवश्यकता इस देश

को है....

(वह चला जाता है। सावरकर धरती को देख कहते हैं।)

सावरकर ः ‘‘मातृभूमि! तेरे चरणों में पहले ही अपना मन अर्पित

कर चुका हूँ, देश सेवा ही ईश्वर सेवा है.... यह मानकर मैंने तेरी सेवा के माध्यम से भगवान की सेवा की है।

(आँखों से आँसू टपकते हैं....)

(बाहर लोगों की पिटाई की आवाज़ें उनके कानों में आती है। नंदू और नानी गोपाल की पिटाई कर रहे हैं। नानी गोपाल चीख़-

चीख़ कर कह रहा है।)

नानी गोपाल ः भारत माता की जय- वंदे मातरम्....

नंदू ः वंदे मातरम...!

(सावरकर के चेहरे के रिएक्शंस दिखाते हैं... उनकी आँखों में चमक आती है।)

Sc. No.        :         11

Location     :         Sawarkar Kothari

Effect          :         Day- Int.

Characters   :         Sawarkar, David , Sipahi Bhupati

(सावरकर को खड़ा कर ऊपर हाथ कर हथकड़ी लगाकर रखा गया है। सिपाही के साथ डेविड आता है। वह सावरकर की

हालत देख मुस्कुराता है। सिपाही सावरकर का हाथ खोलता है।)

डेविड ः  So Mister Barrister… मज़ा आ रहा है...

(सावरकर कुछ बोलते नहीं....)

डेविड ः What happened…?  क्या मिला देश भक्ति से..?

सावरकर ः ये तुम जैसे अत्याचारी लोग नहीं समझ सकते हैं...

डेविड ः (हँसकर)  आदत डाल लो.... फिफ्टी Yesrs का पनिशमेंट है ,मज़ा करो ज़िंदा  रहना तब तक ,,

 
सावरकर ः (मुस्कुराकर) 50 साल.... हूँऽऽ.... मिस्टर डेविड, तुम लोग  गलतफहमी में जी रहे हो। अब ये सेाचो कितने साल

और रह पाओगे यहाँ.... तुम लोगों के भागने के दिन आ गये हैं.... अब और अत्याचार बर्दाश्त नहीं कर पायेंगे देशवासी.....

डेविड ः (भड़क कर)  You Indian Dog… टुम लोग हमको  भगायेगा (सिपाही से) कल से इसको भी बाकी नार्मल 

कैदियों के जैसे कोल्हू से तेल निकालने में लगा दो...  I want to see this Barrister in the Jail…,,

Sc. No.        :         12

Location     :         Big Hall in Jail

Effect          :         Day- Int.

Characters   :         Sawarkar, David  & Others

(सावरकर नंगे बदन कोल्हू चला रहे हैं.... उनकी हालत बुरी हो रही है। उनके आस पास भी लोग कोल्हू चला रहे हैं.... डेविड

आता है। सावरकर को देख मुस्कुराता है।)

डेविड ः (सभी से) Look here… the real Indian dog   ख़ुद को   देशभक्त बोलता है....

सावरकर ः जो देशभक्त होते हैं, उन्हें बताने की ज़रूरत नहीं होती  !  You English Dog…!!!

डेविड ः (भड़क कर) You bastard  हमको... हमको डॉग बोलता...  अपने मालिक को डॉग बोलता है...

सावरकर ः (कोल्हू चलाते हुए) हमारा भगवान हमारा मालिक है  और वो हम पर अत्याचार नहीं करता... तुम सब अत्याचारी

हो...
डेविड ः (सिपाही से) इस  Barrister की जुबान बहुत चलती है-
इससे  30  pound  oil  निकलवाओ  ---- I want to see you Mr. Barrister  तुम कितना बड़ा देश भक्त है।

सावरकर ः देशभक्त तो देशभक्त होता है- छोटा-बड़ा नहीं और  तुम क्या देखोगे, तुम लोगों की उल्टी गिनती शुरू हो गई 

है..... (पीछे से आवाज़ आती है।)

आवाज़ ः वंदे मातरम!- भारत माता की जय.....

(सावरकर मुस्कुराता है।)

डेविड ः Whose this bastard..? 

सिपाही ः नंदू भूषण....

डेविड ः नंदू... (गुस्से में जाता है।)

(सावरकर कोल्हू चला रहा है। दूसरी तरफ पिटने की  आवाज़ आती है। नंदू ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाता है।)

नंदू ः (आवाज़) आ...हा.... वंदे मातरम्.... 

(सावरकर का रियेक्शन गुस्से में....) 

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रचनाएँ
वीर सावरकर
5.0
यह वीर सावरकर पर आधारित कुछ दृश्य हैं

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