हिंदी हम सबकी परिभाषा
कोटि-कोटि कंठों की भाषा,जनगण की मुखरित अभिलाषा,हिंदी है पहचान हमारी,हिंदी हम सबकी परिभाषा ।आज़ादी के दीप्त भाल की,बहुभाषी वसुधा विशाल की,सहृदयता के एक सूत्र में,यह परिभाषा देश-काल की ।निज भाषा जो स्वाभिमान को,आम आदमी की जुबान को, मानव गरिमा के विहान को, अर्थ दे रही संविधान को ।हिंदी आज चाहती हमसे-हम