shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

kavitayen

विक्की आनंद

2 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

बचपन से अब तक पढ़े पसंदीदा कविताओं को एक जगह संग्रह करने की एक कोशिश 

kavitayen

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

हिंदी हम सबकी परिभाषा

20 सितम्बर 2015
0
4
1

कोटि-कोटि कंठों की भाषा,जनगण की मुखरित अभिलाषा,हिंदी है पहचान हमारी,हिंदी हम सबकी परिभाषा ।आज़ादी के दीप्त भाल की,बहुभाषी वसुधा विशाल की,सहृदयता के एक सूत्र में,यह परिभाषा देश-काल की ।निज भाषा जो स्वाभिमान को,आम आदमी की जुबान को, मानव गरिमा के विहान को, अर्थ दे रही संविधान को ।हिंदी आज चाहती हमसे-हम

2

हम पंछी उन्‍मुक्‍त गगन के (Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke) - शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (Shivmangal Singh 'सुमन')

10 अक्टूबर 2015
0
2
1

हम पंछी उन्‍मुक्‍त गगन केपिंजरबद्ध न गा पाऍंगे,कनक-तीलियों से टकराकरपुलकित पंख टूट जाऍंगे।हम बहता जल पीनेवालेमर जाऍंगे भूखे-प्‍यासे,कहीं भली है कटुक निबोरीकनक-कटोरी की मैदा से,स्‍वर्ण-श्रृंखला के बंधन मेंअपनी गति, उड़ान सब भूले,बस सपनों में देख रहे हैंतरू की फुनगी पर के झूले।ऐसे थे अरमान कि उड़तेनील

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए