॥ आदत ॥
बहुत ज्यादा गुस्सा हो तो आँसू डुबोने की आदत है।तुझे एक अरसे से जिंदगी पर बस रोने की आदत है ॥देख हमें कुछ नहीं हैं फिर भी बेफिक्र खुशहाल हैंक्या है के हमें रिश्ते आहिस्ता पिरोने की आदत है ॥तेरे सारे सोने चाँदी रुपए सिक्के उसे नहीं बहका पाएआखिर दुधमुहे बच्चे को सिर्फ खिलोने की आदत है ॥आदत कब शौक से लत