shabd-logo

common.aboutWriter

पेशे से अभियंता, शौकिया तौर पर लेखन करता हूँ

no-certificate
common.noAwardFound

common.kelekh

पाहन पूजे हरि मिले तो मैं पूजूँ पहाड़

23 दिसम्बर 2016
2
1

पाहन पूजे हरि मिले तो मैं पूजूँ पहाड़आज पता चला कि हिन्दू धर्म में 33करोड़ देवी-देवताओं की आवश्यकता क्यों है। फैज़ाबाद से बस्ती जाते समय रास्ते में अयोध्या पड़ता है । चूँकि आज चैत रामनवमीथी तो पुरे देश भर से लोग अपना-अपना पाप धोने अयोध्या में पधारे थे । इतनी सारेपापी मैंने आज से पहले कभी नहीं देखे थे। भ

तन्हा जीना सीख लिया ।

13 मई 2016
3
0

तन्हा हसना, तन्हा रोना, तन्हा जीना सीख लिया,हमने खुद को बिन तेरे भी, जिंदा रखना सीख लिया ॥ गिला नहीं किस्मत सेहमको, जो मेरे तुम हो नसके, अपने हाथों की रेखा को, हम ने पढ़ना सीख लिया ॥ क्या हुआ जो तेरी महफिल में मेरे नाम कोई जाम नहीं, हमने अपने प्याले को अश्क़ों से भरना सीख लिया ॥ तोड़ दिया साकी से रिश्त

अभी टूटा नहीं हूँ मैं

29 जनवरी 2015
0
0

अभी टूटा नहीं हूँ मैं अभी बिखरा नहीं हूँ मैं अभी भी जान बाकी है ज़िन्दगी कुछ और ठोकरें दे मुझे अभी आवाज़ में दम है अभी भी गुनगुनाता हूँ जो गा न पाऊँ मैं ऐसे कुछ अँतरे दे मुझे

कुछ नया सा कहीं हुआ तो है

29 जनवरी 2015
1
0

कुछ नया सा कहीं हुआ तो है सिलसिला मोहब्बत का फिर चला तो है I कोई खिड़की खुली हुई थी कहीं चाँद हल्का सा फिर दिखा तो है I कुछ उजाले दिलों में बाकी थे कोई साया अभी हिला तो है I बहारें लौट आयीं हैं दोबारा फूल फिर बाग में खिला तो है I

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए