उनका मिलना
जैसे धूप का खिलना
देता है सुखद अनुभूति ।
जब छंटते हैं धुंधलके
चीरकर अँधेरे को
हट जाती है शिकन
फैलती है मुस्कान
बिखरता है प्रकाश।
मिट जाते हैं
मतभेद/मनभेद सभी।
लगे खुल जाएगा मौसम
सदा के लिए ;
न अवरोध
न धुंधलका।
विश्वास जगाती है धूप
सब साफ़ साफ़ होने का/
उजास होने का।
धूप भी है मगर/
विवश सी;
चलती है एक ही सीध
और
दाएं बाएँ रह जाते हैं /
बहुत से कोने अँधेरे।