तेरी याद आती है कभी बैठु अकेल मे तो तेरी याद आती है॥
कभी करता कोइ शुरुआत तो तेरी याद आती है।
कभी चुभ जाए कोइ बात तो तेरी याद आती है।। कोइ अरमान जब टुटे तो तेरी याद आती है।
कोइ वादे करे झुठे तो तेरी याद आती है।।
कभी कुछ जल्दी से बोलु तो तेरी याद आती है। कभी जब डायरी खोलु तो तेरी याद आती है॥
कभी पड जाए उल्टी चाल तो तेरी याद आती है। कभी कानो मे गुन्जे ताल तो तेरी याद आती है।। भजु जब गिरधर-नागर को तो तेरी याद आती है। पढु जब ढाई आखर को तो तेरी याद आती ह॥ सदा मेरे पास रहना तुम की तेरी याद आती है।
मै सबकुछ भुल जाता हु तो तेरी याद आती है ।।©सतर्ष