मेरा नाम योगेंद्र सिंह पटेल हैं। बचपन से ही काव्यों से बहुत प्रभावित रहा हूँ और बचपन से ही कविता लिखना मेरा पसन्दीदा कार्य रहा हैं। मैं एक कवि हूँ।
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जीवन के जग रीत कीहार की या जीत कीलगता हैं जैसे सपना साहो कोई अपना सासफ़र के मुसाफ़िर कोचाहिए नित ध्यानलक्ष्य किधर बढ़ना कहाँपहले लो जानसफ़र में जो साथ दे लगता हैं जैसे सपना सा हो कोई अपना सा।सफ़र
सूने दिल के आँगन में किसी ने मुस्कुराया हैंजहाँ पतझड़ का मौसम था वहाँ बहार छाया हैंउजड़ी थी दिल की बस्ती तुमने फिर सजाया हैंबहारों फूल बरसावो मेरा मेहबूब आया हैं।