"चौपाली चर्चा में विकास और प्रकाश" वसुधैव कटुम्बकम के आग्रही, नेक नियति के पथ पर चलने वाले झिनकू भैया न जाने कहाँ कहाँ भटकते रहते हैं और किसके कब कहाँ और कैसे मिलते रहते हैं ये तो वहीं जाने पर आजकल वे किसी विकास और प्रकाश नामक नए परिचित पर फ़िदा हो गए हैं। जब देखों विकास