"धूमिल पहचान"बहुत सौभाग्यशाली हूँ कि जन्मभूमि का दर्शन हुआ, रामायण का सम्पूर्ण पाठ, सत्यनारायण भगवान का कथा पूजन, हवन ब्राह्मण व वंधु बान्धव भोज व मेरे जुड़वा नातिन के मूल पूजनोपरांत आज कर्म भूमि का दर्शन होगा। बहुत कुछ संजोकर गया था जिसे लुटाकर वापस तो होना ही था। मित्र-