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हिंसा किसी भी ईश्वर को खुश नहीं कर सकती।

hindi articles, stories and books related to Hinsa kisi bhi ishwar ko khush nahin kar sakti।


आज से लगभग 200 साल पहले हमारे रतले खानदान में भैंसें की बलि दी जाती थी.. नवदुर्गा में!!कुछ समय बाद भूरे कद्दू पर सिंदूर मलकर तलवार से काटा जानें लगा,भैंसें के प्रतीक के रूप में।और इस तरह हमारे परिवार में अंत हुआ पशुबलि की प्रथा का।हिन्दू भी कुछ कम नहीं है, यह कहना होगा!!आ

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