#मजदूर_दिवस_विशेष --------------------------- मैं मजदूर हूँ ,हाँ मैं मजदूर हूँ मजदूर हूँ लेकिन मजबूर नहीं यह कहने में मुझे कोई शर्म नहीं अपने पसीने की खाता हूँ कम पैसों में भी घर चलाता हूँ अमीरों के बंगले महल बनाता हूँ खुद एक छत के नीचे रहता हूँ सुकून की जिंदगी बिताता हूँ मैं मिट्टी को सोना बनाता हू