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नादान परिंदा

hindi articles, stories and books related to Nadaan parinda


मैं आया नादान परिंदा अनजान की तरह !लौट जाऊँगा एक दिन मेहमान की तरह !! क्या सहरा,क्या गुलिस्ता, हूँ सब से वाकिफ कट जायेगा ये भी सफर जाते तूफ़ान की तरह !!ढूंढ कर अन्धकार में भी प्रकाश की किरण पाउँगा मंजिल मैं मुसाफिर अनजान की तरह !!ना करो ऐ दुनिया वालो मेरे ईमान को बदनाम कहि

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