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ऋतु बदली नहीं आप की साथियाँ॥ गजल

hindi articles, stories and books related to Ritu badali nahin aap ki sathiyan॥ gajal


“गज़ल”आप के पास है आप की साखियाँ मत समझना इन्हें आप की दासियाँगैर होना इन्हें खूब आता सनम माप लीजे हुई आप की वादियाँ॥कुछ बुँदें पिघलती हैं बरफ की जमी पर दगा दे गई आप की खामियाँ॥दो कदम तुम बढ़ो दो कदम मैं बढूँइस कदम पर झुलाओ न तुम चाभियाँ॥मान लो मेरे मन को न बहमी बुझो देख

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