स्त्री की भूमिका सदियों से सुंदरता, कोमलता, करूणा, प्रेम, अन्नपूर्णा की रही है दूसरी और पुरुष कठोर, शक्ति का प्रतीक, जीवन की हर मुश्किलों को झेलने वाला कहा गया है । कहते हैं --जिस परिवार में पुरुषों की संख्या ज्यादा होती है उस परिवार के लोग अपने आप को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं अर्थात पुरुष संरक