मुसीबत की घड़ी मेंसबका साथ चाहिये ,में सैनिटाइजर लाया हूँतुम्हारा हाथ चाहिये I
ये गालियाँ ,पार्क और मिठाई की दुकानें जो कभी बच्चों के शोर एवं किलकारियों से गूँजा करती थी, अब वह सन्नाटे के शोर से गूंज रही हैं I बच्चों की किलकारियां जो चिड़ियों के मधुर संगीत के साथ कानों में मीठा रस घोला करती थी खामोश हैI वे पार्कों के झूले जो कभी अशांत हुआ करते थ