हाल ही के दिनों में कुछ
गेट के बारे में बहुत सुना है जिनमें कोलगेट से तो सभी परिचित होंगे या फिर इस
प्रकार के गेटों का हम घोटाला कह सकते हैं अभी बिहार में भी एक ऐसा ही घोटाला
सामने आया है ये थोडा अजीबो-गरीब है टापर्स घोटाला इसमें कुछ ऐसे होनहार
विद्यार्थियों को टाप करा दिया गया जो बिहार का नाम रोसन कर सकते थे और आशानुरूप
उन्होने किया भी, भले ही उन्होने नये तरीके से किया- जेल जाकर( हाहाहा). आज पूरा
देश उनको जानने लगा है और उनकी इस प्रतिभा से प्रभावित होकर देश के कोने कोने से
विद्यार्थी बिहार आने की तैयारी में लग गये होंगे। अब तो आप को समझ में आ ही गया
होगा कि क्या है ये टापरगेट।
पर हमारे आज की इस चर्चा का
मुद्दा ये है कि क्या यह सिर्फ बिहार में ही हो रहा है या फिर अन्य राज्यो में भी
है? इसके क्या परिणाम होगें? और इनसे कैसे निपटा जाये?
यह सिर्फ बिहार की ही
समस्या नही है यह पूरे देश की समस्या है इसका खुलासा अभी बिहार में हुआ है तो इसका
मतलब ये नही की यह आज की समस्या है और सिर्फ बिहार की, यह समस्या बहुत पुरानी है
बहुत दिनो से ऐसा होता आ रहा है पिछले कुछ वर्षों में बिहार बोर्ड की बहुत
आलोचनाये हो रही थी अन्ततः उन्होने तत्परता दिखायी और इतना बडा खुलासा कर दिया।
अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में भी एक ऐसी घटना पकडी गयी जिसमें पालीटेक्निक
प्रवेश परीक्षा में एक ही कमरे में परीक्षा देने वाले 12 छात्र प्रदेश की 21टापरों
में सुमार हो गये और 15 छात्र शीर्ष 450 छात्रों में स्थान पाये। परन्तु जब उन
छात्रों को बुलाया गया तो 28 छात्र-छात्राओं में सिर्फ 7 ही पहुचे और वे भी आपना
रोलनम्बर और आठ की स्पेलिंग तक नही लिख पाये। इस तरह की बहुत सारी घटनाये आपको
प्रतिदिन अखबार में मिल जायेगी। अब सवाल ये उठता है कि इसमें गलती किसकी है नकल
करने वाले छात्रों की या नकल कराने वाले विध्यालयों की या प्रवेश परीक्षा कराने
वाली संस्थाओ की या कडे कानून न होना।
अगर मैं अपनी बात कहूं तो
मेरे विचार में छात्रो के अलावा इसमें सभी की गलती है आप कितने भी मेधावी हो पर
अगर आपके पास को इस तरह का मौका मिलता है तो आप इसे भुनाने का जरूर प्रयास करेंगे
अगर आप इसे स्वीकार नहीं करोगे तो कोई दूसरा करेगा और आप वही रह जाओगे और दूसरा
नकल करके आगे निकल जायेगा हुआ भी यही उपरोक्त घटनाओं में जिन्होंने नकल नहीं की
उनका कोई स्थान नही आया भले ही आप की काबिलियत प्रथम स्थान प्राप्त करने की है और
जिन्होने नकल की वे टाप कर गये। इस प्रकार से मेधावी परिश्रमी छात्रों का मलोबल
गिरता है और वे भी इस दलदल की ओर आकर्शित हो रहे हैं।
अगर इसके परिणाम की बात करे
तो ये भविष्य में बहुत भयानक होगें जब ये छात्र हमारे सामाजिक विकाश का हिस्सा
बनेगे तो आप इनसे क्या उम्मीद करेंगे? ये टापरगेट सभी गेटों का बाप है इससे हम
प्रत्यक्ष प्रभावित नही हो रहे परन्तु ये हमारे भविष्य को गर्त की ओर ले जा रहा है
ये हमारे देश के भविष्य(नौजवानो) की जड़ो
को काट रहा है।
समाधान- सबसे पहले तो कडे कानून
बनाने होगे जिससे इस तरह नकल करने वाले छात्रों पर और नकल कराने वाले संस्थान/व्यकितयों पर लगाम लगायी जा
सके , और सख्त से सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान किया जाये।
मैं पाठकों से अनुरोध कराता
हूँ कि वे इस समस्या के समाधान के लिये अपने सुझाव अवश्य दे और अपने विचार पस्तुत
करें।
धन्यवाद।