shabd-logo

अजगर

7 मई 2022

26 बार देखा गया 26

अजगर

बहुत वर्ष पहले एक राजा की दो रानियाँ थीं। बड़ी रानी शोभा बहुत अच्छे स्वभाव की दयावान स्त्री थी। छोटी रानी रूपा बड़ी कठोर और दुष्ट थी। बड़ी रानी शोभा के एक पुत्री थी, नाम था देवी। रानी रूपा के भी एक बेटी थी, नाम था तारा।

रानी रूपा बड़ी चालाक और महत्वाकाँक्षी स्त्री थी। वह चाहती थी कि राज्य की सत्ता उसके हाथ में रहे। राजा भी उससे दबा हुआ था। रानी रूपा बड़ी रानी और उसकी बेटी से नफरत करती थी। एक दिन उस ने राजा से कह दिया कि रानी शोभा और देवी को राजमहल से बाहर निकाल दिया जाये। राजा रानी रूपा की नाराजी से डरता था। उसे लगा कि उसे वही करना पड़ेगा जो रूपा चाहती है। उस ने बड़ी रानी और उस की बेटी को राजमहल के बाहर एक छोटे से घर में रहने के लिए भेज दिया। लेकिन रानी रूपा की घृणा इससे भी नहीं हटी।

उस ने देवी को आज्ञा दी कि वह प्रतिदिन राजा की गायों को जंगल में चराने के लिए ले जाया करे। रानी शोभा यह अच्छी तरह जानती थी कि यदि देवी गायों को चराने के लिए गई तो रानी रूपा उन्हें किसी और परेशानी में डाल देगी। इसलिए उसने अपनी लड़की से कहा कि वह रोज सुबह गायों को जंगल में चरने के लिए ले जाया करे और शाम के समय उन्हें वापिस ले आया करे।

देवी को अपनी माँ का कहना तो मानना ही था, इस लिए वह रोज़ सुबह गायों को जंगल में ले जाती। एक शाम जब वह जंगल से घर लौट रही थी तो उसे अपने पीछे एक धीमी सी आवाज़ सुनाई दी-
‘‘देवी, देवी, क्या तुम मुझसे विवाह करोगी ?’’

देवी डर गई। जितनी जल्दी हो सका उसने गायों को घर की ओर हाँका। दूसरे दिन भी जब वह घर लौट रही थी तो उस ने वही आवाज़ पुन: सुनी। वही प्रश्न उससे फिर पूछा गया।

रात को देवी ने अपनी माँ को उस आवाज़ के बारे में कहा। माँ सारी रात इस बात पर विचार करती रही। सुबह तक उस ने निश्चय कर लिया कि क्या किया जाना चाहिए।
‘‘सुनो बेटी,’’ वह अपनी लड़की से बोली- ‘‘मैं बता रही हूँ कि यदि आज शाम के समय भी तुम्हें वही आवाज़ सुनाई दे तो तुम्हें क्या करना होगा।’’
‘‘बताइये माँ,’’ देवी ने उत्तर दिया।
‘‘तुम उस आवाज़ को उत्तर देना,’’ रानी शोभा ने कहा, ‘‘कल सुबह तुम मेरे घर आ जाओ, फिर मैं तुम से विवाह कर लूँगी।’’
‘‘लेकिन माँ,’’ देवी बोली- ‘‘हम उसे जानते तक नहीं।’’

‘‘मेरी प्यारी देवी,’’ माँ ने दु:खी होकर कहा- ‘‘जिस स्थिति में हम जीवित हैं उस से ज्यादा बुरा और क्या हो सकता है। हमें इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेना चाहिए। ईश्वर हमारी सहायता करेगा।’’
उस संध्या को जब देवी गायों को लेकर लौट रही थी उसे वही आवाज़ फिर सुनाई दी।
आवाज़ कोमल और दु:ख भरी थी।
‘‘देवी, देवी क्या तुम मुझ से विवाह करोगी ? क्या तुम मुझ से विवाह करोगी ?’’ आवाज़ बोली।
देवी रुक गई। उस ने पीछे मुड़कर देखा लेकिन उसे कोई नहीं दिखाई दिया। वह हिचकिचायी। वह वहाँ से भाग जाना चाहती थी लेकिन फिर उसे माँ के शब्द याद आ गये। वह जल्दी से बोली- ‘‘हाँ, यदि तुम कल सुबह मेरे घर आ जाओ तो मैं तुम से विवाह कर लूँगी।

तब वह बड़ी तेजी से गायों को हाँकती हुई घर चली गई।
अगले दिन सुबह रानी शोभा जरा जल्दी उठ गई। उस ने जाकर बाहर का दरवाजा खोला, देखने के लिए कि कोई प्रतीक्षा तो नहीं कर रहा।
वहाँ कोई भी न था। अचानक उसे एक धक्का सा लगा और वह स्तब्ध रह गई। एक बड़ा अजगर कुण्डली मारे सीढ़ियों पर बैठा था।

रानी शोभा सहायता के लिए चिल्लायी। देवी और नौकर भागे-भागे आये कि क्या बात है।
तभी एक आश्चर्यजनक बात हुई। अजगर बोला :-
‘‘नमस्कार,’’ उसका स्वर बहुत विनम्र था- ‘‘मुझे निमन्त्रित किया गया था इसलिये मैं आया हूँ। आपकी लड़की ने मुझसे वायदा किया था कि यदि मैं सुबह घर आ सकूँ तो वह मुझ से विवाह कर लेगी। मैं इस लिये आया हूँ।

रानी शोभा की समझ में नहीं आ रहा था कि वह करे तो क्या करे | उसे तो यही आशा थी कि किसी दिन कोई सुन्दर नौजवान उसकी लड़की से विवाह करने आयेगा । उसने यह कभी नहीं सोचा था कि वह अजगर होगा !

एक नौकर भाग कर रानी रूपा के पास गया और उसे उसने सारी घटना बतला दी । रानी यह सुन कर प्रसन्न हुई। वह उसी समय अपने नौकरों के साथ रानी शोभा के घर गई ।

“यदि राजकुमारी देवी ने किसी के साथ विवाह का वायदा किया है,” वह बोली--- तो उसे अपना वायदा अवश्य निभाना चाहिए । रानी होने के कारण यह देखना मेरा कर्त्तव्य है कि वह अपना वायदा पूरा करें।

उसी दिन विवाह हो गया । रानी शोभा और देवी के लिए यह कोई प्रसन्नता का समय नहीं था लेकिन इतने दुर्भाग्य सहने के बाद वे किसी भी प्रकार की विपत्ति का सामना करने को तैयार थीं ।
विवाह के पश्चात्‌ अजगर अपनी पत्नी के साथ उसके कमरे में गया ।

सारी रात रानी शोभा ने प्रार्थना करते हुए बिताई कि उसकी बच्ची ठीकठाक रहें। दूसरे दिन बड़े सवेरे उसने देवी के कमरे का दरवाज़ा खट- खटाया। एक सुन्दर नवयुवक ने दरवाज़ा खोला । देवी उसके पीछे खड़ी थी।

“मैं आपको कह नहीं सकता कि मेरी जान बचाने के लिए मैं आपका और देवी का कितना आभारी हूँ,” वह नवयुवक बोला--- मैं एक शाप के कारण अजगर बन गया था । एक वन-देवता मुझसे क्रुद्ध थे और उन्होंने मुझे अजगर बना दिया । बाद में उन्हें अपनी करनी पर दुख हुआ । तब उन्होंने कहा कि यदि कोई राजकुमारी मुझसे विवाह कर लेगी तो मैं फिर से मनुष्य बन जाऊँगा । और अब देवी ने मुझ से विवाह कर लिया है, मेरा शाप उतर गया है। अब मैं फिर कभी अजगर नहीं बनूंगा ।”

रानी शोभा बहुत प्रसन्न हुई। वह्‌ अपनी लड़की और दामाद को राजा से मिलाने के लिए ले गई। यह बड़ी विचित्र घटना थी। चारों ओर से लोग इस विचित्र नवयुवक को देखने राजमहल में आने लगे । सभी उत्सुक थे--सिवाय रानी रूपा के ।

रानी रूपा बहुत गुस्से में थी | उसने झल्लाते और खीझते हुए अपने आपको कमरे में बन्द कर लिया । देवी का भाग्य उससे देखा नहीं जा रहा था। वह चाहती थी कि उसकी बेटी तारा भी ऐसी भाग्यशाली बने । आखिरकार उसे एक युक्ति सूझी ।
उसने झपनी लड़की को बुलाया ।

“देवी का विवाह तो अब हो गया है,” वह बोली---“ इस लिए गायों को जंगल में चराने के लिए तुम ले जाया करो । ” “नहीं!” तारा चीख कर बोली--"इतने नौकर हैं तो फिर में क्यों गायें चराने जाऊं?”

“यह मेरी आज्ञा है!” रानी क्रुद्ध होकर बोली--“ एक बात और भी सुनो । यदि जंगल में कोई तुमसे विवाह का प्रस्ताव करे तो तत्काल कह देना कि तुम विवाह के लिए राज़ी हो, यदि वह अगले दिन सुबह हमारे घर आ जाये। ”

“तारा माँ की इस योजना से भयभीत हो गई । वह गायों को जंगल में नहीं ले जाना चाहती थी। वह खूब रोई। लेकित रानी फिर भी नहीं पिघली । तारा को उसकी आज्ञा माननी पड़ी ।

तारा रोज़ सुबह गायों को जंगल में चराने के लिए ले जाती और फिर शाम के समय वापिस ले आती ।

लेकिन उसने एक बार भी जंगल में किसी तरह की आवाज़ नहीं सुनी जो यह कह रही हो, “क्‍या तुम मुझसे विवाह करोगी ?”

फिर भी रानी निराश नहीं हुई । जंगल में कोई अजगर तो था नहीं जो तारा से विवाह का प्रस्ताव करता। इसलिए उसने खुद अजगर ढूंढने का निश्चय किया ।

उसने अपने नौकरों को एक अजगर लाने की आज्ञा दी । बहुत खोज करने पर काफी दिनों पश्चात्‌ उन्हें एक बहुत बड़ा अजगर मिला । उसे पकड़ कर वे राजमहल में ले आये ।

आखिरकार रानी का अभिप्रायः पूरा हो गया और उसने तारा का विवाह इस अजगर से कर दिया। अब रानी को संतोष हुआ ।
विवाह की रात तारा तथा अजगर को एक कमरे में बन्द कर दिया गया।

रानी अधीरता से सुबह की प्रतीक्षा कर रही थी । रानी रूपा ने सवेरे सवेरे ही लड़की के कमरे का दरवाज़ा खटखटाया लेकिन कोई उत्तर न मिला । उसने ज़रा और जोर से दरवाज़ा खटखटाया लेकिन दरवाज़ा तब भी न खुला । रानी से और प्रतीक्षा न की गई और उसने धक्का देकर दरवाज़ा खोल दिया । मोटा अजगर ज़मीन पर पड़ा हुआ था लेकिन तारा का कहीं पता नहीं था।

रानी चीख पड़ी। महल में सभी ने उसका चीखना सुना । राजा और नौकर भागे आये कि क्या बात है। राजकुमारी कहाँ है?” सब चिल्लाये ।

“वह तो अजगर के पेट में होंगी,” रसोइया बोला--- देखो वह कितना मोटा हो गया है?” रानी अब बड़ी ज़ोर-जोर से रोने लगी। राजा भी रोने लगा ।

रसोइया अपना सबसे बड़ा चाकू ले आया । वह बोला-- यदि वह अब तक जीवित हुई तो मैं राजकुमारी को बचाने की कोशिश करूँगा।

उसने अजगर का पेट चीर डाला । तारा अच्छी भली जीवित थी । रसोइये ने उसे बाहर खींचा । वह चीख मारकर अपनी माँ की तरफ भागी।

अजगर की मृत्यु हो गई और साथ में रानी रूपा की इस इच्छा की भी कि तारा का विवाह देवी की तरह ही किसी योग्य और सम्पन्न नवयुवक से हो ।

32
रचनाएँ
लोक कथाएँ
5.0
लोककथाएं इतनी पुरानी हैं कि कोई भी नहीं बता सकता कि उन्हें पहले-पहल किसने कहा होगा। लोक-कथाएं एक कान से दूसरे कान में, एक देश से दूसरे देश में जाती रहती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर इन कथाओं का रूपरंग भी बदलता जाता है। एक ही कहानी अलग-अलग जगहों में अलग-अलग ढंग से कही-सुनी जाती है। इस तरह लोक कथाएं हमेशा नई बनी रहती हैं।-शंकर लोककथाओं में सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें पशु-पक्षी, सुर-असुर, देव-परियां, पेड़-पौधे, प्रकृति का मानवीकरण, चमत्कार आदि सभी कुछ होने के बावजूद मनुष्य के दुःख-सुख और उसकी अभिलाषाओं की तृप्ति निहित रहती है । यह लोककथाएं ही हैं जो हमें बोध करवाती हैं कि मूल रूप में समस्त विश्व में मनुष्य का स्वभाव एक जैसा ही है । भारत के विभिन्न प्रदेशों व विश्व के अन्य देशों की लोक कथाएँ
1

अजगर

7 मई 2022
2
0
0

अजगर बहुत वर्ष पहले एक राजा की दो रानियाँ थीं। बड़ी रानी शोभा बहुत अच्छे स्वभाव की दयावान स्त्री थी। छोटी रानी रूपा बड़ी कठोर और दुष्ट थी। बड़ी रानी शोभा के एक पुत्री थी, नाम था देवी। रानी रूपा के भी

2

चतुराई

7 मई 2022
1
0
0

चतुराई: लोक-कथा एक ग़रीब आदमी था। एक दिन वह राजा के पास गया और बोला- 'महाराज, मैं आपसे कर्ज़ मांगने आया हूं। कृपा कर आप मुझे पांच हजार रुपये दें। मैं पांच वर्ष के अंदर आपके रुपये वापस कर दूंगा।' राजा

3

आबोतानी और मअजी यापम

7 मई 2022
1
0
0

आबोतानी और मअजी यापम (तागिन जनजाति) : अरुणाचल प्रदेश की लोक-कथा ऐसा माना जाता है कि आबोतानी ने सृष्टि के सभी जीव-जंतुओं, कीड़े-मकोड़ों, पेड़-पौधों और देवी-देवताओं की प्रजातियों से वैवाहिक संबंध बनाया

4

आबोतानी, ञ्येबी दुम्पू और ञ्येऊ किपू

7 मई 2022
0
0
0

आबोतानी, ञ्येबी दुम्पू और ञ्येऊ किपू (तागिन जनजाति) : अरुणाचल प्रदेश की लोक-कथा कहा जाता है कि मादा हिरण और कुत्ते के बीच भाई-बहन का रिश्ता था। वे दोनों ही आबोतानी के साथ रहते थे। एक दिन आबोतानी ने द

5

जादूगर नर

7 मई 2022
0
0
0

जादूगर नर : असमिया लोक-कथा एक बार की बात है कि लाइथा17 नाम के एक आदमी ने शादी की। कुछ दिनों बाद उसको पता चला कि उसकी पत्नी माँ बनने वाली थी तो यह सुन कर लाइथा बहुत खुश हुआ। उन लोगों का चावल का खेत थ

6

भविष्यवक्ता

7 मई 2022
0
0
0

भविष्यवक्ता : असमिया लोक-कथा एक गाँव में किसी समय में फोरिंग नामक एक किसान रहता था। उसकी पत्नी बहुत स्वार्थी थी। उनके कोई औलाद नहीं थी। माघ का महीना चल रहा था और हल्की बूँदाबाँदी हो रही थी। फोरिंग सु

7

गिरि और शोआन

7 मई 2022
0
0
0

गिरि और शोआन: अंडमान निकोबार की लोक-कथा बहुत समय पहले निकोबार में अरंग नाम का एक आदमी था। उसकी एक पत्नी थी। उन दोनों के तीन बेटे और तीन बेटियाँ थीं। अरंग काफी धनवान था। उसने परिवार के लिए एक आलीशान म

8

शार्क का जन्म

7 मई 2022
0
0
0

शार्क का जन्म: अंडमान निकोबार की लोक-कथा काफी पुरानी बात है। निकोबार में तामलु और फुको नामक दो गाँवों के बीच टोसलो नाम का एक गाँव था। टोसलो के लोग जन्म से ही जंगली और खूँखार थे। दूसरे गाँव के किसी आद

9

नारियल का जन्म

7 मई 2022
1
0
0

नारियल का जन्म: अंडमान निकोबार की लोक-कथा पुराने समय में कार-निकोबार के एल्कामेरो में दो मित्र रहते थे। एक का नाम असोंगी और दूसरे का एनालो था। दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे। वे साथ-साथ काम करत

10

जिंदा भूत

7 मई 2022
0
0
0

जिंदा भूत: आंध्र प्रदेश की लोक कथा एक दिन राजू के मन में आया कि लोगों को भूत बनकर डराया जाए। वह सांस रोकर बैठ गया । उसकी पत्नी ने उसको हिलाया-डुलाया लेकिन राजू चुपचाप आंख बंद किए बैठा रहा। “हे भगवान!

11

सिंहल द्वीप की पद्मिनी

7 मई 2022
0
0
0

सिंहल द्वीप की पद्मिनी: उत्तर प्रदेश/ब्रज की लोक-कथा किसी जंगल में एक सुन्दर बगीचा था। उसमें बहुत-सी परियां रहती थीं। एक रात को वे उड़नखटोले में बैठकर सैर के लिए निकलीं। उड़ते-उड़ते वे एक राजा के महल

12

फ्योंली रौतेली

7 मई 2022
1
0
0

फ्योंली रौतेली (कुमाऊं) उत्तराखंड की लोक-कथा एक बार की बात है, सोरीकोट नाम के एक गाँव में एक बहुत ही सुंदर लड़की 'फ्योंली रौतेली' रहा करती थी। वह अपने पिता नागू सौरियाल की एकमात्र संतान होने के कारण

13

ब्रह्मकमल

7 मई 2022
0
0
0

ब्रह्मकमल: हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में ब्रह्मकमल को एक अत्यन्त पवित्र फूल माना जाता है। यहाँ के लोगों का विश्वास है कि ब्रह्मकमल के दर्शन मात्र से ही जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस फूल के

14

ठगराज

7 मई 2022
0
0
0

ठगराज जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा की तैयारियां ज़ोर-शोर से चल रही थीं। पूरे देश से भक्तजन इस यात्रा में सम्मिल्रित होने आए थे। यहीं पर एक सराय में एक शहर के ठग और एक गांव के ठग की भेंट आपस में हो गई। द

15

राजा की मूर्खता

7 मई 2022
0
0
0

राजा की मूर्खता  एक बार की बात है, कौशल राज्य पर राजा महेन्द्र राज करता था। प्रजा उसका सम्मान करती थी और साथ ही उससे भय भी खाती थी। राजा की सबसे बड़ी कमज़ोरी थी उसकी रानी मयूरी। वह उसे बहुत प्रेम करत

16

अनोखा स्वयंवर

7 मई 2022
0
0
0

अनोखा स्वयंवर उत्कल देश पर एक शक्तिशाली राजा राज करता था। उसकी एक सुंदर, प्रतिभाशाली और बुद्धिमती पुत्री थी ऐश्वर्या। सुरीली आवाज़ की सम्राज्ञी और एक बेहतरीन नृत्यांगना होने के साथ-साथ उसे वेद-ग्रंथो

17

भला राजा हातम

7 मई 2022
0
0
0

भला राजा हातम  एक बार की बात है कि एक गरीब गाँव वाला था जो जंगल से लकड़ी काट कर और उसको बाजार में बेच कर अपना और अपने परिवार का गुजारा करता था। उसके परिवार में उसकी पत्नी और उसकी सात बेटियाँ थीं। उसन

18

नाग्यराय और हीमाल

7 मई 2022
0
0
0

नाग्यराय और हीमाल  बहुत समय पहले एक ब्राह्मण कश्मीर में रहता था, जिसका नाम सोदराम था। उसके पास यदि कुछ था तो एक टूटी-फूटी झोंपड़ी और एक गुस्सैल स्वभाव की पत्नी। यह पत्नी उसे बहुत परेशान करती थी। वह तं

19

राक्षसी रानी

7 मई 2022
0
0
0

राक्षसी रानी लोग एक ऐसे राजा की कहानी कहते हैं जिसके सात पत्नियाँ थी पर उनमें से बच्चा किसी के नहीं था। जब उसने अपनी पहिली पत्नी से शादी की थी तो सोचा था कि वह जरूर ही उसको एक बेटा देगी पर ऐसा नहीं ह

20

नाथीबाई जाम-सलायावाली

7 मई 2022
0
0
0

नाथीबाई जाम-सलायावाली आज निर्जन पड़ा जाम-सलाया एक दिन चहल-पहल वाला बंदरगाह था। उस प्राकृतिक बंदरगाह के किनारे छोटे-बड़े वाहनों की मरम्मत होती थी। सुथार, लोहार, खारवा और वाघेर, जैसे अनेक कारीगर अपनी र

21

पारस-पत्थर

7 मई 2022
0
0
0

पारस-पत्थर पुराने समय में एक राजा था, जो एक दिन शिकार पर चला गया। वह ‘दाछीगाम’ गाँव के पास था, जब उसने एक ‘हाँगुल’ (बारहसिंगा) देखा। वह इस हिरण के पीछे-पीछे कई मीलों तक गया, मगर हाँगुल जंगल में भाग

22

भविष्यवाणी

7 मई 2022
0
0
0

भविष्यवाणी अचानक खबर सुनकर गोविंदन सकते में आ गया। वह विश्वास नहीं कर पा रहा था कि उसके जीवन में ऐसा भी हो सकता है। उसने अपने बड़े पुत्र को ढूँढ़ा, वह भी नहीं मिला। मालूम पड़ा अस्पताल गया है। 'अस्पत

23

दुष्टता का परिणाम

7 मई 2022
0
0
0

दुष्टता का परिणाम नागालैंड की प्राकृतिक सुषमा मनोहारी है। पर्वत, नदी, झरनों के साथ-साथ इसके प्राकृतिक वैभव को बढ़ाते हैं यहाँ के पेड़-पौधों, लताओं, झाड़ियों में लहराते हरे-भरे अंचल। यहाँ एक पौधा बहुत

24

सात झोंपड़ियों की कथा

7 मई 2022
0
0
0

सात झोंपड़ियों की कथा सृष्टि के आरंभ में यह पूरी पृथ्वी निर्जन थी। इसे जीवन से सज्जित करने के लिए ईश्वर ने प्रारंभ में दो जीवों—रामेव नामक स्त्री और बासा नामक पुरुष की रचना की। दोनों ही इस पृथ्वी पर

25

तीन डैक का जहाज

7 मई 2022
0
0
0

तीन डैक का जहाज एक बार की बात है कि एक बहुत ही गरीब पति पत्नी थे जो देश की बस्ती से काफी बाहर की तरफ रहते थे। उनके एक बच्चा हुआ पर वहाँ आस पास में कोई ऐसा आदमी नहीं रहता था जो उस बच्चे के बैप्टाइज़

26

तीन सिद्धान्त

7 मई 2022
0
0
0

बहुत दिन पहले रोम में डोमीटियन नामक एक सम्राट्‌ हुआ था। वह बहुत बुद्धिमान तथा न्यायप्रिय सम्राट था। उसके राज्यकाल में कोई भी अपराधी अथवा अन्यायी पनपने न पाता था। दण्ड के भय से सब कोई अपराध करने से घबर

27

मैंक हांनाचूं

7 मई 2022
0
0
0

एक बार वोहारिया नामक एक, मनुष्य सफर कर रहा था। रास्ते में उसे बड़े ज़ोर की भूख और प्यास लगी इसलिए एक टूटे-फूटे कुएं के पास रुककर पहले तो उसने खाना खाया, फिर लोटा लेकर पानी निकालने कुएं के पास चला गया।

28

चांगी और मांगी

7 मई 2022
1
0
0

एक बार एक गांव में दो भाई रहा करते थे । उनका नाम था चांगी और मांगी । कहने को तो वे दोनों सगे भाई थे परंतु उनकी आदत एक दूसरे के विपरीत थी । चांगी बहुत उदार और नेकदिल था । वह अपने बड़ों का आदर और छोट

29

अमरता के इच्छुक सेंटारो

7 मई 2022
0
0
0

तो साहिबान, ये कहानी है पुराने जापान की, इसमें बातें हैं ज़मीन आसमान की, ज़िंदगी और मौत के सामान की। जी, क्या कहा? बढ़ा-चढ़ा कर कहती हूँ? तो जाने दीजिए, चुप रहती हूँ। वो कहानी ही क्या जो सच की मनौत

30

मुफ्त की चाकरी

7 मई 2022
0
0
0

गोटिया बहुत ही नटखट लड़का था । उसका दिमाग हरदम शैतानियों में ही लगा रहता था । सब लोग गोटिया की शरारतों से तंग आ चुके थे । गोटिया के मामा चाहते थे कि वह उनके कामों में हाथ बंटाए, परंतु गोटिया का न तो क

31

नारियल की खेती

7 मई 2022
0
0
0

कैलाशवासी भगवान शंकर को एक दिन समुद्र-यात्रा की धुन सवार हुई। माता पार्वती को साथ लेकर भोलेनाथ सिंगापुर, जकार्ता, सिडनी, ऑकलैंड होते हुए फीजी द्वीप के लोमोलोमो टापू पर जा पहुंचे। टापू के सुनहरे तट पर

32

भुट्टाचोर

7 मई 2022
0
0
0

एक गांव में एक धनी किसान रहता था। किसान के पाम बैलों की जोड़ी और कई खिड़कियों वाले मकान के साथ-साथ भुट्टों का एक खेत भी था। खेती-बाड़ी के दिनों में वह बड़े गर्व से अपने खेतों की ओर निहारता और तपती दोप

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए