जाने इस मुल्क को क्या हो गयाहै ..........जो था कभी अमन अब वो बेचैन सा हो गया है ......लोग चाहे अनचाहे कुछ तो कर रहे हैं ......पर समझ में नहीं आता ये क्या कर रहे हैं ...बेहिस हो कर रूक जाता हूँ .....रास्तों से बहुत आहात सी आती है .....सुनाता हूँ समझता हूँ और फिर बेहिस हो कर रुक जाता हूँ ......मैं खुद से सवाल करूँ या लोगों से ......गलत क्या है सही क्या मैं नहीं समझता पर अमन क्या है यही समझ पाया हूँ .......पता नहीं क्यों लोग इतनी छोटे शब्द का अर्थ समझने कीभूल ,पुरे मुल्क को समझाने की नाकाम कोशिश में क्यों लगे हैं