भारत, मानव जाति का पालना है, मानव वाणी का जन्मस्थान, इतिहास की जननी, किंवदंतीयों की मातामही, और परंपरा की महा मातामही , मानवीय इतिहास की सबसे मूल्यवान और शिक्षाप्रद वस्तुएं भारत में ही निहित है। -मार्क ट्वेन
भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध संस्कृति मानी जाती है।अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP) संगठन के अनुसार, "भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है, भारतीय सभ्यता करीबन 4500 साल पुरानी हैं।" संस्कृतियों की जननी कही जाने वाली भारतीय संस्कृति को कई स्रोतों में "सा प्रथमा संस्कृति विश्ववारा” के रूप में वर्णित किया गया हैं।
भारतीय संस्कृति अपने आप में अनूठी संस्कृति हैं, जिसमे प्यार, सम्मान, दूसरों की भावनाओं का ध्यान रखना जैसी विशेषताओं को अपने में समेटे हुए हैं । भारतीय मूल्यों एवं आधारभूत तत्वों में ऐसी निरंतरता हैं जिसके कारण, लोग अपने को इस सभ्यता से जुड़ा हुआ महसूस करते है। विभिन्न देशों में बसें भारतीय मूल के लोग, भारत के आर्थिक विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं तथा ये निरंतर इस जुड़ाव को किसी न किसी रूप में महसूस करते हैं। आज भारत, लगभग कई क्षेत्रों में प्रगति हासिल कर विश्व की अगुवाई कर रहा हैं चाहे वो वास्तुकलाका क्षेत्र, गणित, विज्ञान और प्रोद्योगिकी और आयुर्वेद। अतः विश्व पटल पर हम भारत की भूमिका को नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते हैं।
सीआईए
वर्ल्ड फैक्टबुक के अनुसार, 1.2 अरब जनसँख्या वाला ये देश, बहुत ही
विविध देश है। भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं में से कुछ हैं-भाषा, धर्म, भोजन और कला। भारतीय सभ्यता अपने आप में अद्वितीय हैं तथा इसके संरक्षण एवं संवर्धन की जिम्मेदारी प्रत्येक भारतवासी की है।