31 मार्च 2015
विजय जी , आपका विचार सरहनीय है ... अवश्य इस पर विचार होगा
13 अप्रैल 2015
हम चाहते हैं कि शब्दनगरी में प्रत्येक प्रकार की सामग्री मिले चाहे वो गद्य हो,पद्य हो,अनुवाद हो या किसी प्रकार की अन्य सामग्रियां, जो सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हैं
31 मार्च 2015