धारा एक प्यारी सी गुड़िया जैसी माध्यवर्गीय परिवार कि लड़की धारा धारा बेटा…. उसकी माँ उसे आवाज देते हुए बुलाती है हां माँ बोलो , मैंने सारा काम कर दिया है और अब आप कोई भी काम नहीं करेंगी हां बिगाड़ो मेरी आदत, मुझे कुछ भी करने नहीं देती, जब तू चली जाएगी तब देखूंगी कौन करता है अरे माँ मैं कहीं नहीं जाउंगी और वैसे भी तब का तब देखेंगे। अच्छा माँ आज मेरा कॉलेज का पहला दिन है निकलती हूँ वरना पहले दिन ही लेट हो जाउंगी और मैंने लंच बना दिया है पापा आएंगे तो उन्हें उनकी दवाई जरूर दे देना माँ इतना कहकर धारा घर से निकल जाती है धारा कि माँ आस्था जी मन ही मन भगवान को धन्यवाद देने लगी कि उन्हें धारा जैसी बेटी का सौभाग्य प्राप्त हुआ है और उसके सुखी जीवन कि कामना करती हैं। S. M कॉलेज एंड हॉस्टल - हर तरफ लड़के लड़कियों कि भीड़ थी कुछ क्लास में तो कुछ मैदान में थे वहीं मैदान में एक तरफ एक लड़का एक लड़के के पीछे भाग रहा था और उसको आवाज़ दे रहा था… प्रवाह यार सुन तो, यार तू ये सदाचारी आज्ञाकारी बनके कब तक घूमता रहेगा। पता नहीं तेरा नाम प्रवाह किसने रख दिया तू तो एकदम शांत है, जैसे कि कोई भोलूराम। तभी आगे वाला लड़का (प्रवाह) पीछे कि ओर पलटता है और उस लड़के से कहता है, हो गया तेरा या कुछ और बाकी है और जो ये तू हमेशा मुझे आज्ञाकारी सदाचारी और शांति के ताने देता है नहीं तो सुन, प्रवाह धारा में होता है, प्रवाह बिन धारा नहीं और धारा बिन प्रवाह नहीं और जब तक मेरे जीवन कि धारा नहीं मिल जाती तबतक ये प्रवाह शांत ही रहेगा भगवान तुझे जल्द तेरी जीवन धारा से मिलवा दे ताकि ये तेरा शांति नाम का पाठ भंग हो और अब चल क्लास में वरना लेक्चर शुरू हो जायेंगे और पहले दिन ही गलती नहीं जाने तू कब सुधरेगा अपनी हरकतो से इतना बक बक करता है प्रवाह उसकी तरफ आंखे उचका कर देखता है कि ये लड़का जो इतनी देर से बक बक रहा है वो उल्टा उसे कह रहा है फिर वो अपना सर झटक कर आगे जाने लगता है कि अचानक से ही कोई उससे टकरा जाता है और हड़बड़ी में उसकी नोट्स गिर गयी। वह लड़की हड़बड़ा कर कहती है सॉरी सॉरी वो आज पहला दिन था तो थोड़ा हड़बड़ा गयी थी और आप दिखे नहीं। जी कोई बात नहीं हो जाता है और फिर प्रवाह उसकी नोट्स उठाकर उसे दे देता है, वो उससे कुछ कहता उससे पहले पीछे से एक लड़की जोर से बोलती है धारा तू यहाँ क्या कर रही है चल वरना लेक्चर शुरू हो