आयुर्वेद के अनुसार, “मन, शरीर और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करना ही आयुर्वेद है|” अपने शरीर के प्रकार और दोषों को समझने के लिए जरूरी है, अपना आयुर्वेदिक बॉडी टाइप जानना| तीन प्रकार के आयुर्वेदिक बॉडी टाइप होते हैं, वात, पित्त और कफ।
अच्छा
स्वास्थ्य और मन बनाए रखने के लिए हमें संतुलित आहार, व्यायाम और जीवन
शैली पैटर्न का अभ्यास करना चाहिए| आयुर्वेद के माध्यम से, आप अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त
कर सकते है बस जरुरत है अपनी बॉडी टाइप जानने की| अच्छे स्वास्थ्य के द्वारा आप
व्यक्तिगत, पारिवारिक और व्यावसायिक जीवन के बीच संतुलन
स्थापित कर सकते है|
आयुर्वेदिक बॉडी टाइप मूलतः तीन प्रकार के होते है जैसे: वात, पित्त और कफ।
आयुर्वेदिक बॉडी टाइप (वात):
वात
बॉडी टाइप के लोग वायु और अंतरिक्ष तत्वों द्वारा संचालित होते है| इस वर्ग से
संबंधित लो प्रमुख रूप से बोनी संरचनाओं के साथ पतले होते हैं| जलवायु के संदर्भ में,ये लोग ठंड बर्दाश्त नहीं कर सकते तथा ये गर्म मौसम पसंद करते हैं। ऐसे
लोग बहुत सक्रिय, बेचैन और ऊर्जावान होते है। उनकी नींद, भोजन
और व्यक्तिगत आदतें आमतौर पर अनियमित और अनिश्चित होती हैं।
प्रकृति -आम तौर पर, ऐसे बॉडी टाइप के लोग शर्मीले होते हैं और उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। ऐसे लोग अधीर लेकिन बहुत लचीले और बदलने के लिए तैयार होते है। वे आम तौर पर अपरिचित स्थिति में अत्यंत चिंतित हो जाते है। वे बेहद रचनात्मक और संवेदनशील होते हैं।
आयुर्वेदिक बॉडी टाइप (पित्त):
पित्त बॉडी टाइप के लोग आम तौर पर सक्रिय, पूर्णतावादी, गतिशील, बुद्धिमान और चिड़चिड़ भी होते है | ऐसे लोगों के अन्दर नेतृत्व के गुण जनम जात विद्यमान होते है| ऐसे लोगों का व्यक्तित्व स्मार्ट, आँखों में अलग सी तेज़ी होती है| ऐसे लोग के बाल जल्दी झड़ने और सफ़ेद होने लगते है| ऐसे लोग अत्यंत महत्वाकांक्षी और अत्यंत बुद्धिमान होते हैं। वे जीवन के बारे में भावुक होते है पर आसानी से चिढ़ जाते है।
प्रकृति– ऐसे लोग आम तौर पर बहिर्मुखी होते है और इनके अन्दर नेतृत्व की क्षमता होती है| ऐसे लोग दर्शक या प्रतिभागी के रूप में खेल का आनंद लेते हैं|
आयुर्वेदिक बॉडी टाइप (कफ):
कफ बॉडी टाइप के लोग आम तौर पर हंसमुख, आलसी और शांत होते है| कफ, जल और पृथ्वी तत्व की प्रधानता को दर्शाता है।
प्रकृति–ऐसे बॉडी टाइप के लोग शांतप्रिय और प्यारे होते है लेकिन संतुलन खोने पर जिद्दी और आलसी बन सकते है| ऐसे लोग, कफ सर्दी, बलगम, सिर दर्द और हल्के बुखार से परेशान रहते हैं।
अंत में, आप अपना आयुर्वेदिक बॉडी टाइप जानकर बहुत सी बिमारियों से बच सकते है तथा उनकी रोकथाम कर सकते हैं|