1 अक्टूबर 2015
बहुत ही अच्छा टॉपिक चुना है आपने प्रियंका जी ! तनाव (स्ट्रेस) किसी व्यक्ति पर डाले गए अनुचित, अनचाहा और बहुत अधिक दबाव की प्रतिक्रिया है कुछ मामलों में तनाव के अच्छे परिणाम भी सामने आते हैं, जैसे एक समयसीमा के अंदर काम करने का तनाव किसी कर्मचारी से वक्त पर काम करवा लेता है। कई बार तनाव में कर्मचारी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी कर डालता है, वो काम करने के नये नये और चतुराई भरे तरीके सीख लेता है। ये तनाव का अच्छा पहलू है, जिसे एनस्ट्रेस कहते हैं। लेकिन ज़्यादातर मामलों में तनाव के खराब नतीजे ही सामने आते हैं, जिन्हें डी-स्ट्रेस कहा जाता है। प्राथमिकता के अनुसार लिस्ट बनाकर कार्य करें। बीच में आराम के लिए ब्रेक लें। मेहनत करें, लेकिन अपने स्वास्थ्य और परिवार की कीमत पर नहीं। आशावादी रहें। निगेटिव सोच वाले कर्मचारियों से दूरी बनाएं। कार्यस्थल पर खुद को सचेत रखें। आत्मविश्वास और खुद पर नियंत्रण रखें।
1 अक्टूबर 2015
भाग-दौड़ की ज़िन्दगी में तनाव होना स्वाभाविक है, ऐसे में ज़रूरी है कि छोटे-छोटे संभव उपायों द्वारा अनावश्यक तनाव से बचा जाय और कार्य को आनन्द के साथ किया जाए...सार्थक लेख !
1 अक्टूबर 2015