24 सितम्बर 2015
बहुत सुंदर भावनापूर्ण कविता । अनेकानेक बधाइयाँ मन के दीपक, तुम्हारी शक्ति हो ऐसी, तुम ज़िन्दगी की मुश्किलों से जूझते रहो, . .बहुत सही शब्द
8 नवम्बर 2015
अभिप्रेरित करती है आपकी कविता
24 सितम्बर 2015
न डरो तुम, न हारो तुम, बस जीवन पथ पर निरंतर बढते रहो!.......बहुत सुन्दर, प्रेरनादायी रचना !
24 सितम्बर 2015