3 जून 2015
पुष्पा जी, आराधना जी, सुरेन्द्र जी तथा विजय कुमार शर्मा जी, धन्यवाद !
4 जून 2015
निश्चय ही क्षमा और प्रेम सफलता के अचूक हथियार हैं किंतु वर्तमान में इस हथियार का इस्तेमाल सोच-समझ कर ही करना चाहिए
4 जून 2015
क्षमा एवं प्रेम से पूरे संसार को वश में किया जा सकता है.क्षमा से बढ़कर कोई दंड नहीं है.और प्रेम का पाठ जिसने पढ़ लिया ,वह पंडित हो गया.
3 जून 2015
बहुत सुन्दर दृष्टान्त ...... बधाई ... शब्द नगरी संगठन ..
3 जून 2015