23 सितम्बर 2015
बहुत सुन्दर रचना .........लिखी है आपने .
20 दिसम्बर 2015
माँ पर आप की रचना और बेटी की आशा पढकर मन भावुक हों गया आदरणीया
16 नवम्बर 2015
माँ, तुम से बढ़कर कुछ नहीं, बस सदा रहे, तुम्हारा मेरे सिर पर हाथ, मुश्किल की घड़ियों में भी, तुम्हारा संग रहे आशीर्वाद। वर्तिका जी बहुत सुंदर रचना हेतु बधाई !
8 नवम्बर 2015
माँ तुमसे बड़कर कोई नहि , सच मैं माँ से बड़कर भला दुनिया मैं कुछ हो सकता है क्या... बहुत ख़ूबसूरत रचना है वर्तिका जी ! धन्यवाद
5 नवम्बर 2015
Thanks Miss.....!!!!
26 अक्टूबर 2015