21 अप्रैल 2015
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कविता, कहानी, लघु कथा लेखन में रूचि / कई पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित / वर्तमान में पश्चिम बंगाल विद्युत विकास परिषद में कार्यरत /D
राजेश जी, अति सुन्दर रचना, आभार !
पश्चिम बंगाल का एक छोटा सा शहर / शाम के सात बजने वाले है / अभिजीत अपने ऑफिस से घर लौट आया है / दरवाजे पर खड़े होकर घंटी बजाता है / उसकी पत्नी, पौलमी के दरवाजा खोलते ही वह अंदर प्रवेश कर जाता है / पौलमी दरवाजा बंद करते-करते बोल उठती है / “लगता है तुम्हारा बुढ्ढा बाप इस बार का ठंढ नहीं सह पायेगा / ” ”
अग्रवाल जी अक्सर अपने बड़े बेटे को साथ लेकर खड़गपुर जाया करते थे / खड़गपुर में उनकी ठेकेदारी चलती थी / जिस कारखाने में उनकी ठेकेदारी चलती थी उसकी दुरी स्टेशन से महज एक किलोमीटर होगी / लेकिन वे पैदल ना चलकर रिक्शा किराए पर ले लेते / रिक्सावाला उनसे इस दुरी के लिए दस रुपये मांगता / बिना मोल-भाव किये वे उ
शिवाजी जैसा शुर बनो / महाराणा प्रताप सा वीर बनो / बनो श्रवण सा मातृ- पितृ भक्त / कर्ण सा दानवीर बनो / राजा बनो तुम राम जैसा / हनुमान सा स्वामी भक्त बनो / गांधी जैसा अहिंसावादी / पटेल सा देशभक्त बनो / स्त्रियों की लाज बचाकर - कृष्ण सा तारणहार बनो / अर्जुन सा एकाग्र मन- भीम सा बलवान बनो /
हाड़ है मांस है / लेती अब भी साँस है / सोती है, जागती है / भोजन भी करती है / फिर भी अब जीने की - नहीं उसमे आस है / बर्बर समाज की बनाई - ज़िंदा एक लाश है / ना रोती ना हंसती है / मिलने से डरती है / गूंगी ना बहरी फिर भी - ना बोलती ना सुनती है / गांव है, उसका घर है / लोग है बाग़ है / नीम क
“सुरेश जी आप तो कल अपनी बेटी के लिए लड़का देखने गए थे ना ?” “हाँ , गया था /” “कैसा है लड़का ?” “लड़का गोरा-चिट्टा, ६ फुट लम्बा, उभरा मस्तिस्क , मजबूत शरीर, किसी राजकुमार से कम नहीं लगता / मेरी बेटी की तुलना में तो बीस पड़ता है /” “करता क्या है ?” “केंद्रीय ऊर्जा आयोग में अधिकारी के पद पर है /” “तब त
दो पैर , दो भुजाएँ /चौड़ी छाती, मजबूत कंधे -बिशालकाय शरीर बनाई /उस पर दस शीश लगाई /पुतला निस्तेज पड़ा था /फिर उसे सहारा दिया -खड़ा किया /फिर भी पुतला चुप था /हाथों में हथियार थमाएँ /आँखों में नफ़रत का रंग भरा /पुतले में कोई हलचल ना हुई /फिर भी मन ना भरा /हाथ , पैर , पेट, पीठ ,एक-एक अंग में बारूद भरा /पु
सुबह के साढ़े छह बजते ही स्मार्ट फोन का अलार्म बजने लगा और मेरी नींद टूट गई / उठकर, सिराहने रखे बोतल से आधा बोतल पानी गटकने के बाद बाथरूम की ओर बढ़ा / सुबह साढ़े सात बजे मुझे ऑफिस के लिए निकलना पड़ता है इसलिए मै साढ़े छह बजे का अलार्म सेट करके बेड पर ही रख देता हूँ / मुझे फ्रेश होने के लिए टॉयलेट में प