भीखू और चोखू के मालिक गनेश ने जब खेती के लिये ट्रेक्टर खरीद के ले आया तो भीखू और चोखू को चिन्ता होने लगी कि अब खेती में हमारी उपयोगिता नगण्य हो जाएगी तो हमारा मालिक हमें किसी कसाई के हाथों बेच देगा । वे आपस में मंत्रणा करते हैं कि कसाई के हाथों मरने से अच्छा होगा हम लोग आत्महत्या कर लें। ये सोच कर दौनों पास स्थित नदी की ओर आगे बढने लगते हैं।
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