
Sanjay Dani
मैं नाक कान गला विशेषज्ञ हूँ।अपने शहर में प्रेक्टिस करता हूँ। गज़ल लेखन, कहानी लेखन व उपन्यास लेखन का शौक है मुझे।
![( उपन्यास ] आरक्ष्ण](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F61b83aeff5a0cb7cf33866db_1641295330741.jpg&w=384&q=75)
( उपन्यास ] आरक्ष्ण
ये एक प्रेम कहानी है । एक लड़की जिसका नाम दीव्या है और एक लड़का रौशन पड़ोस में रहते हैं । एक स्कूल में पढते हैं : रौशन बेहद ब्रिलिएंट विद्ध्यार्थी है , वहीं दीव्या होशियार है । दिव्या को गणित के कठिन सवालों को हल करने के लिए रौशन का सहारा लेना पड़ता था ।
![( उपन्यास ] आरक्ष्ण](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2F61b83aeff5a0cb7cf33866db_1641295330741.jpg&w=256&q=75)
( उपन्यास ] आरक्ष्ण
ये एक प्रेम कहानी है । एक लड़की जिसका नाम दीव्या है और एक लड़का रौशन पड़ोस में रहते हैं । एक स्कूल में पढते हैं : रौशन बेहद ब्रिलिएंट विद्ध्यार्थी है , वहीं दीव्या होशियार है । दिव्या को गणित के कठिन सवालों को हल करने के लिए रौशन का सहारा लेना पड़ता था ।

जीयो और जीने दो। (कहानी )
सुरेश और महेश सगे भाई थे । दोनों के बीच प्रापर्टी की लड़ाई इतनी बढ़ी की दौनों एक दूजे के खून के प्यासे हो गए। इसके बाद सुरेश एक जैन मणि श्री क्षीरसागर महाराज के सम्पर्क मे आता है। उसके बाद उसके अंदर बहुत से बदलाव आते हैं।

जीयो और जीने दो। (कहानी )
सुरेश और महेश सगे भाई थे । दोनों के बीच प्रापर्टी की लड़ाई इतनी बढ़ी की दौनों एक दूजे के खून के प्यासे हो गए। इसके बाद सुरेश एक जैन मणि श्री क्षीरसागर महाराज के सम्पर्क मे आता है। उसके बाद उसके अंदर बहुत से बदलाव आते हैं।

धर्मपुरा कहानी प्रथम क़िश्त।
( **धर्मपुरा** (कहानी प्रथम क़िश्त ) दुर्ग ज़िले के धमधा तहसील में एक छोटा सा गांव है धर्मपुरा । इस गांव का नाम धर्मपुरा कैसे पड़ा इसके पीछे एक कहानी है । उस गांव के कई बुजुर्ग बताते हैं कि आज से सौ वर्ष पूर्व यहां के अधिकान्श खेतों व मेढों म

धर्मपुरा कहानी प्रथम क़िश्त।
( **धर्मपुरा** (कहानी प्रथम क़िश्त ) दुर्ग ज़िले के धमधा तहसील में एक छोटा सा गांव है धर्मपुरा । इस गांव का नाम धर्मपुरा कैसे पड़ा इसके पीछे एक कहानी है । उस गांव के कई बुजुर्ग बताते हैं कि आज से सौ वर्ष पूर्व यहां के अधिकान्श खेतों व मेढों म

जंगल से प्यार
अखिलेश उस घायल पंक्षी को अपने घर लाकर ऊसका उपचार कर उसे ठीक कर देता है। इसके बाद वे सारे पंक्षी उन्हें यह वचन देते हुए वहां से चले जाते हैं की कभो हमारो मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम आपके लिए जां न्यौछवर भी कर देंगे।

जंगल से प्यार
अखिलेश उस घायल पंक्षी को अपने घर लाकर ऊसका उपचार कर उसे ठीक कर देता है। इसके बाद वे सारे पंक्षी उन्हें यह वचन देते हुए वहां से चले जाते हैं की कभो हमारो मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम आपके लिए जां न्यौछवर भी कर देंगे।



रिश्तों का सच
शंकर लाल अग्रवाल भिलाई के एक बड़े व्यापारी है। उनके घर में एक बार डकैती पड़ जाती है । चार डकैतों ने एक ठंड की रात उनके घर डकैती डालकर उनके घर से 5 लाख रुपये ले जाते हैं । डकैती के बाद जब शंकर अग्रवाल घटना का विशलेषण करते हैं तो उन्हें लगता है

रिश्तों का सच
शंकर लाल अग्रवाल भिलाई के एक बड़े व्यापारी है। उनके घर में एक बार डकैती पड़ जाती है । चार डकैतों ने एक ठंड की रात उनके घर डकैती डालकर उनके घर से 5 लाख रुपये ले जाते हैं । डकैती के बाद जब शंकर अग्रवाल घटना का विशलेषण करते हैं तो उन्हें लगता है

अधिग्रहण
ग्राम धर्मपुरा के एक मेहनतकस किसान की खुद की कमाई हुई खेती की जमीन को उसका छोटा भाई गांव के सरपंच व पटवारी के साथ मिलकर एक सरकारी प्रोजेक्ट के तहत एक कंपनी को कानूनी रूप से अधिग्रहीत करवा देता है और खुद बड़ा भाई बनाकर सारा पैसा उठाकर हजमा कर लेता ह

अधिग्रहण
ग्राम धर्मपुरा के एक मेहनतकस किसान की खुद की कमाई हुई खेती की जमीन को उसका छोटा भाई गांव के सरपंच व पटवारी के साथ मिलकर एक सरकारी प्रोजेक्ट के तहत एक कंपनी को कानूनी रूप से अधिग्रहीत करवा देता है और खुद बड़ा भाई बनाकर सारा पैसा उठाकर हजमा कर लेता ह

जंगल से प्यार
' जंगल से प्यार' [ कहानी ___धारावाहिक } अखिलेश प्रताप सिंग की उम्र महज 8 वर्ष रही होगी । वह जमींदार वीर प्रताप का अकेला पुत्र था । उस पर जमींदारी का रंग नहीं चढ पाया था । उसे जंगल में घूमना , नाना प्रकार के पक्षियों कोदेखना , तितलियों को पकड़ना

जंगल से प्यार
' जंगल से प्यार' [ कहानी ___धारावाहिक } अखिलेश प्रताप सिंग की उम्र महज 8 वर्ष रही होगी । वह जमींदार वीर प्रताप का अकेला पुत्र था । उस पर जमींदारी का रंग नहीं चढ पाया था । उसे जंगल में घूमना , नाना प्रकार के पक्षियों कोदेखना , तितलियों को पकड़ना

रेट रेस ( कहानी प्रथम क़िश्त)
दो लडके अर्जुन और नकुल अंतरंग दोस्त हैं। अर्जुन बेहद होशियार विध्यार्थी था वहीं नकुल होशियार तो था पर ब्रिलिएंट की श्रेणी में नहीं आता था। अर्जुन आई आई टी में पढ़ाई करने की चाहत रखता था चाहे उसे ब्रांच कोई भी मिले। जबकि नकुल आटोमोबाइल में किसी भ

रेट रेस ( कहानी प्रथम क़िश्त)
दो लडके अर्जुन और नकुल अंतरंग दोस्त हैं। अर्जुन बेहद होशियार विध्यार्थी था वहीं नकुल होशियार तो था पर ब्रिलिएंट की श्रेणी में नहीं आता था। अर्जुन आई आई टी में पढ़ाई करने की चाहत रखता था चाहे उसे ब्रांच कोई भी मिले। जबकि नकुल आटोमोबाइल में किसी भ

कहानी ( प्रायश्चित-प्रथम क़िश्त)
बनवारी लाल एक रईस सेठ है।जिनका सोने चांदी की दुकान है।जिसे उनका बेटा देखता है।बनवारी लाल खुद ब्याज के धंधे में ज्यादा व्यस्त रहते। वे गरीबों व अनपढ लोगों को 5 से 10% मासिक के दर पैसा उधार देते थे।

कहानी ( प्रायश्चित-प्रथम क़िश्त)
बनवारी लाल एक रईस सेठ है।जिनका सोने चांदी की दुकान है।जिसे उनका बेटा देखता है।बनवारी लाल खुद ब्याज के धंधे में ज्यादा व्यस्त रहते। वे गरीबों व अनपढ लोगों को 5 से 10% मासिक के दर पैसा उधार देते थे।