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Sanjay Dani के बारे में

मैं नाक कान गला विशेषज्ञ हूँ।अपने शहर में प्रेक्टिस करता हूँ। गज़ल लेखन, कहानी लेखन व उपन्यास लेखन का शौक है मुझे।

पुरस्कार और सम्मान

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साप्ताहिक लेखन प्रतियोगिता2022-04-03
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-03-03

Sanjay Dani की पुस्तकें

       ( उपन्यास ] आरक्ष्ण

( उपन्यास ] आरक्ष्ण

ये एक प्रेम कहानी है । एक लड़की जिसका नाम दीव्या है और एक लड़का रौशन पड़ोस में रहते हैं । एक स्कूल में पढते हैं : रौशन बेहद ब्रिलिएंट विद्ध्यार्थी है , वहीं दीव्या होशियार है । दिव्या को गणित के कठिन सवालों को हल करने के लिए रौशन का सहारा लेना पड़ता था ।

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1 रचनाएँ

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       ( उपन्यास ] आरक्ष्ण

( उपन्यास ] आरक्ष्ण

ये एक प्रेम कहानी है । एक लड़की जिसका नाम दीव्या है और एक लड़का रौशन पड़ोस में रहते हैं । एक स्कूल में पढते हैं : रौशन बेहद ब्रिलिएंट विद्ध्यार्थी है , वहीं दीव्या होशियार है । दिव्या को गणित के कठिन सवालों को हल करने के लिए रौशन का सहारा लेना पड़ता था ।

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जीयो और जीने दो। (कहानी )

जीयो और जीने दो। (कहानी )

सुरेश और महेश सगे भाई थे । दोनों के बीच प्रापर्टी की लड़ाई इतनी बढ़ी की दौनों एक दूजे के खून के प्यासे हो गए। इसके बाद सुरेश एक जैन मणि श्री क्षीरसागर महाराज के सम्पर्क मे आता है। उसके बाद उसके अंदर बहुत से बदलाव आते हैं।

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जीयो और जीने दो। (कहानी )

जीयो और जीने दो। (कहानी )

सुरेश और महेश सगे भाई थे । दोनों के बीच प्रापर्टी की लड़ाई इतनी बढ़ी की दौनों एक दूजे के खून के प्यासे हो गए। इसके बाद सुरेश एक जैन मणि श्री क्षीरसागर महाराज के सम्पर्क मे आता है। उसके बाद उसके अंदर बहुत से बदलाव आते हैं।

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लालच का फल ( प्रथम क़िश्त )

लालच का फल ( प्रथम क़िश्त )

पुलगांव ग्राम में एक किसान को 5000) 00 देकर वहां का साहुकार साव जी उसकी ज़मीन का कागज अपने पास रख लेता है और इकरार नामा मेँ ऐसी शर्ते लिखवा लेता है की वह किसान शायद ही अपने द्वारा ली गयी उधारी को वापस कर सके। पर समय के साथ ऐसी बात होती है की साहुका

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लालच का फल ( प्रथम क़िश्त )

लालच का फल ( प्रथम क़िश्त )

पुलगांव ग्राम में एक किसान को 5000) 00 देकर वहां का साहुकार साव जी उसकी ज़मीन का कागज अपने पास रख लेता है और इकरार नामा मेँ ऐसी शर्ते लिखवा लेता है की वह किसान शायद ही अपने द्वारा ली गयी उधारी को वापस कर सके। पर समय के साथ ऐसी बात होती है की साहुका

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रिश्तों का सच

रिश्तों का सच

शंकर लाल अग्रवाल भिलाई के एक बड़े व्यापारी है। उनके घर में एक बार डकैती पड़ जाती है । चार डकैतों ने एक ठंड की रात उनके घर डकैती डालकर उनके घर से 5 लाख रुपये ले जाते हैं । डकैती के बाद जब शंकर अग्रवाल घटना का विशलेषण करते हैं तो उन्हें लगता है

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रिश्तों का सच

रिश्तों का सच

शंकर लाल अग्रवाल भिलाई के एक बड़े व्यापारी है। उनके घर में एक बार डकैती पड़ जाती है । चार डकैतों ने एक ठंड की रात उनके घर डकैती डालकर उनके घर से 5 लाख रुपये ले जाते हैं । डकैती के बाद जब शंकर अग्रवाल घटना का विशलेषण करते हैं तो उन्हें लगता है

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धर्मपुरा   कहानी प्रथम क़िश्त।

धर्मपुरा कहानी प्रथम क़िश्त।

( **धर्मपुरा** (कहानी प्रथम क़िश्त ) दुर्ग ज़िले के धमधा तहसील में एक छोटा सा गांव है धर्मपुरा । इस गांव का नाम धर्मपुरा कैसे पड़ा इसके पीछे एक कहानी है । उस गांव के कई बुजुर्ग बताते हैं कि आज से सौ वर्ष पूर्व यहां के अधिकान्श खेतों व मेढों म

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धर्मपुरा   कहानी प्रथम क़िश्त।

धर्मपुरा कहानी प्रथम क़िश्त।

( **धर्मपुरा** (कहानी प्रथम क़िश्त ) दुर्ग ज़िले के धमधा तहसील में एक छोटा सा गांव है धर्मपुरा । इस गांव का नाम धर्मपुरा कैसे पड़ा इसके पीछे एक कहानी है । उस गांव के कई बुजुर्ग बताते हैं कि आज से सौ वर्ष पूर्व यहां के अधिकान्श खेतों व मेढों म

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जंगल से प्यार

जंगल से प्यार

अखिलेश उस घायल पंक्षी को अपने घर लाकर ऊसका उपचार कर उसे ठीक कर देता है। इसके बाद वे सारे पंक्षी उन्हें यह वचन देते हुए वहां से चले जाते हैं की कभो हमारो मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम आपके लिए जां न्यौछवर भी कर देंगे।

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जंगल से प्यार

जंगल से प्यार

अखिलेश उस घायल पंक्षी को अपने घर लाकर ऊसका उपचार कर उसे ठीक कर देता है। इसके बाद वे सारे पंक्षी उन्हें यह वचन देते हुए वहां से चले जाते हैं की कभो हमारो मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम आपके लिए जां न्यौछवर भी कर देंगे।

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गज़ल

गज़ल

मजदूर दिवस पर एक ग्ज़ल।

निःशुल्क

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अधिग्रहण

अधिग्रहण

ग्राम धर्मपुरा के एक मेहनतकस किसान की खुद की कमाई हुई खेती की जमीन को उसका छोटा भाई गांव के सरपंच व पटवारी के साथ मिलकर एक सरकारी प्रोजेक्ट के तहत एक कंपनी को कानूनी रूप से अधिग्रहीत करवा देता है और खुद बड़ा भाई बनाकर सारा पैसा उठाकर हजमा कर लेता ह

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अधिग्रहण

ग्राम धर्मपुरा के एक मेहनतकस किसान की खुद की कमाई हुई खेती की जमीन को उसका छोटा भाई गांव के सरपंच व पटवारी के साथ मिलकर एक सरकारी प्रोजेक्ट के तहत एक कंपनी को कानूनी रूप से अधिग्रहीत करवा देता है और खुद बड़ा भाई बनाकर सारा पैसा उठाकर हजमा कर लेता ह

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जंगल से प्यार

जंगल से प्यार

' जंगल से प्यार' [ कहानी ___धारावाहिक } अखिलेश प्रताप सिंग की उम्र महज 8 वर्ष रही होगी । वह जमींदार वीर प्रताप का अकेला पुत्र था । उस पर जमींदारी का रंग नहीं चढ पाया था । उसे जंगल में घूमना , नाना प्रकार के पक्षियों कोदेखना , तितलियों को पकड़ना

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जंगल से प्यार

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' जंगल से प्यार' [ कहानी ___धारावाहिक } अखिलेश प्रताप सिंग की उम्र महज 8 वर्ष रही होगी । वह जमींदार वीर प्रताप का अकेला पुत्र था । उस पर जमींदारी का रंग नहीं चढ पाया था । उसे जंगल में घूमना , नाना प्रकार के पक्षियों कोदेखना , तितलियों को पकड़ना

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रेट रेस ( कहानी प्रथम क़िश्त)

रेट रेस ( कहानी प्रथम क़िश्त)

दो लडके अर्जुन और नकुल अंतरंग दोस्त हैं। अर्जुन बेहद होशियार विध्यार्थी था वहीं नकुल होशियार तो था पर ब्रिलिएंट की श्रेणी में नहीं आता था। अर्जुन आई आई टी में पढ़ाई करने की चाहत रखता था चाहे उसे ब्रांच कोई भी मिले। जबकि नकुल आटोमोबाइल में किसी भ

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रेट रेस ( कहानी प्रथम क़िश्त)

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अदला-बदली भ ( कहानी अंतिम क़िश्त )

4 नवम्बर 2022
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“अदला बदली” ( कहानी अंतिम क़िश्त ) अब तक-- दिलावर खान और उसके 10 साथियों को गिरफ़्तार कर लिया गया , और ज़ेल में डाल दिया गया । इससे आगे -- सरवर गुलाम जैसे ही अपने गांव हबीबाबा

अदला-बदली ( कहानी-- पांचवीं क़िशत )

3 नवम्बर 2022
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“अदला बदली” ( कहानी पांचवीं क़िशत )( अब तक-- इस बाबत मैं अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार के सरमाएदारों के पास भी जाऊंगा और भारतीय सेना के अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत करूंगा )इससे आगे --'इसके बाद

अदला-बदली ( कहानी चौथी क़िश्त)

2 नवम्बर 2022
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“अदला बदली” ( कहानी--तीसरी क़िशत )अब तक-- रामगुलाम की अपील भारत सरकार के हर दफ़्तर से खारिज़ हो गई और उसे एक पाक सिपाही सरवर गुलाम ही माना गया । ( इससे आगे --)कई साल और गुज़रे तो भारत और पाकिस

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अदला-बदली ( तीसरी क़िश्त )

1 नवम्बर 2022
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<div><span style="font-size: 16px;">“अदला बदली” ( तीसरी क़िश्त )</span></div><div><span style="font-size: 16px;"><br></span></div><div><span style="font-size: 16px;">(अब तक--- सरवर उधर ही त

दूसरी क़िश्त

31 अक्टूबर 2022
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“अदला बदली”( दूसरी क़िश्त)( अब तक) आगे कभी मौक़ा मिला तो अपन मुल्क वापस जाने का तरीका ढूंढूगा । अगले दिन उसे फिर उन्हीं दस बारह लोगों ने घेर लिया और पूछने लगे कि सरवर बेटे आखिर 2 साल तुम गधे

हास्पिटल जनित समस्याएँ ( कहानी अंतिम क़िश्त)

3 जून 2022
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( हास्पिटल जनित समस्याएँ) कहानी अंतिम क़िश्त ( अब तक-- सुलेमान को जब यह पता चली कि एशवर्या मेरी बहन है तो वह अपनी अम्मी सलमा से कहता है-- आगे )फ़ारूख और ऐश्वर्या की शादी का मैं विरोध कर रहा था लेकि

हास्पिटल जनित समस्याएं ( कहानी दूसरी क़िश्त )

2 जून 2022
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हास्पिटल जनित समस्याएँ ( कहानी दूसरी क़िश्त)दो दिनों बाद फारुख लायब्रेरी से पढाई समाप्त करके घर जाने की तैयारी करता है । रात्री के 8 बज रहे थे । वह तेज़ी से लोकल रेल्वे स्टेशन की ओर पैदल आगे बढता है । क

हास्पिटल जनित समस्याएँ ( कहानी तीसरी क़िश्त )

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हास्पिटल जनित समस्याएँ ( कहानी तीसरी क़िश्त) इतने में ही दीपक जी और इंदू जी ड्राइंग रूम में प्रवेश करते नज़र आए। सुलेमान ने उन्हें नमस्ते करते हुए अपना परिचय दिया और अन्य बातों को ताक पर रखकर वह ड्

हास्पीटल जनित समस्याएँ

31 मई 2022
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( हास्पिटल जनित समस्याएं ) प्रथम क़िश्त रायपुर के मेकाहारा हास्पिटल में कोहराम मचा है । हर तरफ़ अफ़रा तफ़री का माहौल है । अस्पताल के बड़े बड़े अधिकारी हां पहुंच चुके हैं पर गायनिक वार्ड में भर्त

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