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भूतम-भविष्यम

21 नवम्बर 2022

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एक ऐसा वक़्त भी आएगा ,

जब समय खरीदा जायेगा,

रिश्तों के टी-२० होंगे,

पति olx पे बिक जायेगा....

आसमान को छूते बादल,

जैसे रंग बिरंगे,

फल सब्ज़ी के दाम भी वैसे,

खूब बिक रहें टिंडे,

जीवन के इस भागम-भाग में,

छूट रही है गाड़ी,

चेहरे पे लीपा-पोथी है,

फूल रही है बॉडी,

अब इंसान हैं टीवी जैसे,

मोबाइल जिसका रिमोट हो वैसे,

लत्ता,  बर्तन, सब्ज़ी, कपडा,

बैंक हो या रिजर्वेशन का लफड़ा,

चंद मिंटो में ये सुलझाए,

मोह- माया में ये उलझाए,

बंद मुट्ठी की ताक़त है ये,

अगर समझ जो पाए,

विषकन्या सी प्यास है इसकी,

अगर समझ न आये.....


अब बचपन पे आता हूँ,

यादों का गुबार मैं लाता हूँ,

वो दिन थे कितने प्यारे प्यारे,

कम सपने पर सच्चे सारे,

सुबह की बेला स्कूल का बस्ता,

कॉमिक्स में निकल जाता था रस्ता,

पड़ लिखकर फिर घर को आते,

दोपहर को हम मस्त सो जाते,

खेलकूद में शाम हो जाती,

रात को दादी कथा सुनाती,

तब रिश्तों की कीमत होती,

पत्र भी भेजे जाते,

आज चंद मिंटो में,

व्हाट्सप्प पे रिश्तें है बन जाते,

तब सोचा न था ये मैंने,

एक ऐसा वक़्त भी आएगा,

जब समय नहीं रह जायेगा,

ऑनलाइन की इस ज़िन्दगी में,

मेरा वजूद कहीं खो जायेगा....


अब सुन लो तुम पते की बात,

जब समय नहीं रह जायेगा,

ऐसा वक़्त भी आएगा,

जब समय खरीदा जायेगा,

शादी-ब्याह इक समझौता होगा,

पांच साल से इलेक्शन सा,

वर-वधु के आर्डर होंगे,

जैसे अमेज़न पे सिलेक्शन सा,

आसमान पे पंछी जैसे,

उड़कर कारें जाएँगी,

शहर पानी में बस जायेंगे,

बिन बदल जल बरसाएगी,

चाँद पे होगी खेती-बाड़ी,

प्लाट बिकेंगे मंगल पे,

शेर हाथी घूमें शहरों में,

इंसान दिखेंगे जंगल में,

सोना लोहे जैसा सस्ता,

जल सोने सा बन जायेगा,

पैसा होगा वो कागज़ जिससे,

फिर समय खरीदा जायेगा,

घर पे रोबोट आदमियों का,

काम करते जायेंगे,

बैठे-बैठे कुर्सी पे आदमी फिर,

रोबोट से बन जायेंगे....


सहस्त्र वर्षों के बाद,

ऐसा वक़्त भी आएगा,

पृथ्वी को भूल इंसान,

मंगल पर बस जायेगा,

वहां ऑक्सीजन पर टैक्स लगेगा,

पानी को बेचा जायेगा,

और एलियंस की छानबीन में,

पृथ्वी को फिर खोजा जायेगा,

एक ऐसा वक़्त भी आएगा,

जब समय खरीदा जायेगा,

एक ऐसा वक़्त भी आएगा,

जब समय खरीदा जायेगा......

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