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लता: एक सुरीला अहसास

21 नवम्बर 2022

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एक नन्ही सी लड़की ने

जब पुछा सुरों का पता,

सरगम छम से कूदी नीचे    

बोली, उस गली में रहती है,

सुरों की देवी लता….

जिसके सुरों में रहती है,

शहद सी मिठास,

जिसके गीतों को सुन,

मिलता सुख का आभास,

रंग और भाषा से मुक्त,

गरीबी और अमीरी से परे,

सात सुरों की नदियों को पिरोती,

वो सागर के सीने में भरें...

मदमस्त पवन सी,

गाँव, शहर, खेत, कसबों में बहती,

अपने दिल की बातों को,

अपने ही अंदाज से कहती...

ये सुन वो नन्ही लड़की मुसकराई,

और पुछा, पर है कहाँ सुरों का पता?

सरगम फिर बोली, वो है सुरों की देवी लता...

लोग कहते हैं, अब वो आवाज फिर नहीं गुंजेगी,

वो गलियां हो चुकी है सुनी,

वो कोयल उड़ चली अपने देश,

पर उन सब को कहती, सरगम ये संदेश,

जरा आसमान में देखो,

वहाँ एक तारा चमक रहा है,

चांद जिसके नज़मों को सुनकर,

और भी दमक रहा है,

वो नन्ही लड़की उस तारे को देख,

रोती हुई बोली,

मलिकाऐ तरऩुम थी जो,

सुरों को था जिस पर नाज़,

जिसका पता मैं ढुढ़ रही हूँ,

उसकी पहचान ही तो है, उसकी आवाज....

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लता: एक सुरीला अहसास

21 नवम्बर 2022
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एक नन्ही सी लड़की ने जब पुछा सुरों का पता, सरगम छम से कूदी नीचे     बोली, उस गली में रहती है, सुरों की देवी लता…. जिसके सुरों में रहती है, शहद सी मिठास, जिसके गीतों को सुन, मिलता सुख का आभास,

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एक लेखक

21 नवम्बर 2022
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मैंने अपनी कल्पनाओं को,  उडा़न भरते देखा है, रेत के निशाँ, जो लहरों से मिट गये थे, उन कदमों को, फिर से चलते हुए देखा है, न गुज़रे पल दोबारा आते हैं और न आता है वो मंज़र, पर उन लम्हों के अक्स को

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भूतम-भविष्यम

21 नवम्बर 2022
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एक ऐसा वक़्त भी आएगा , जब समय खरीदा जायेगा, रिश्तों के टी-२० होंगे, पति olx पे बिक जायेगा.... आसमान को छूते बादल, जैसे रंग बिरंगे, फल सब्ज़ी के दाम भी वैसे, खूब बिक रहें टिंडे, जीवन के इस भागम-भ

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