लोकोक्ति अथवा कहावत किसी भी कथन को सारगर्भित और प्रभावपूर्ण ढंग से संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। हिन्दी और इसकी बोलियों में संदेशपूर्ण और प्रेरक कहावत कहने की सुदीर्घ परंपरा है। यह किसी भी देश के संस्कृति, चिंतन और मूल्यों को भी अपने अंदर समाहित किए होते हैं। ये समाज के दीर्घ अनुभव और चिंतन से उपजे सत्य होते हैं, जिनके प्रयोग से थोड़े शब्दों में बड़ी बातें कही जा सकती हैं और उनमें छिपी अन्तर्कथाएँ और जानने को प्रेरित करती हैं। आजकल हिंदी साहित्य लेखन में लोकोक्तियों का प्रयोग बहुत कम देखने को मिल रहा है, जिससे इनकी सांस्कृतिकता भी खतरे में पड़ गयी है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु मेरे द्वारा लोकोक्तियों को सरल ढंग से कविता के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। मुझे पूर्ण विश्वास है मेरी यह कृति पाठकों के साथ ही विद्यालय और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में लोकोक्तियों के प्रति जिज्ञासा और जागरूकता उत्पन्न करेगी और समीक्षकों की दृष्टि से भी उपादेय सिद्ध होगी।
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