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सोना नहीं गधे को तो घास पसंद आती है

28 जून 2022

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रचनाएँ
लोकोक्तियों की कविता
5.0
लोकोक्ति अथवा कहावत किसी भी कथन को सारगर्भित और प्रभावपूर्ण ढंग से संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। हिन्दी और इसकी बोलियों में संदेशपूर्ण और प्रेरक कहावत कहने की सुदीर्घ परंपरा है। यह किसी भी देश के संस्कृति, चिंतन और मूल्यों को भी अपने अंदर समाहित किए होते हैं। ये समाज के दीर्घ अनुभव और चिंतन से उपजे सत्य होते हैं, जिनके प्रयोग से थोड़े शब्दों में बड़ी बातें कही जा सकती हैं और उनमें छिपी अन्तर्कथाएँ और जानने को प्रेरित करती हैं। आजकल हिंदी साहित्य लेखन में लोकोक्तियों का प्रयोग बहुत कम देखने को मिल रहा है, जिससे इनकी सांस्कृतिकता भी खतरे में पड़ गयी है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु मेरे द्वारा लोकोक्तियों को सरल ढंग से कविता के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। मुझे पूर्ण विश्वास है मेरी यह कृति पाठकों के साथ ही विद्यालय और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में लोकोक्तियों के प्रति जिज्ञासा और जागरूकता उत्पन्न करेगी और समीक्षकों की दृष्टि से भी उपादेय सिद्ध होगी।
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डरपोक कुत्ते सबसे तेज़ भौंकते हैं

5 जून 2022
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मुर्गा अपने दड़बे पर बड़ा दिलेर होता है। अपनी गली का कुत्ता भी शेर होता है।। दुष्ट लोग क्षमा नहीं दंड के भागी होते हैं। लातों के भूत कभी बातों से नहीं मानते हैं।। हज़ार कौओं को भगाने हेतु एक पत्थ

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अंधेरे घर में चांद का उजाला जितने दिन उतना भला।

6 जून 2022
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गलत ढंग से कमाया धन गलत ढंग से खर्च होता है। बड़ी आसानी से पाने वाला उसे आसानी से खोता है।। दूध की कमाई दूध और पानी की पानी में जाती है। चोरी की ऊन ज्यादा दिन गर्माइश नहीं दे पाती है।। एक नुकसा

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अन्यायपूर्ण शान्ति से न्यायपूर्ण युद्ध भला

7 जून 2022
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कानून का निर्णय काले कौए को बरी लेकिन फाख्ता को दोषी ठहराता है। निर्धन के लिए मुसीबत और धनवान के लिए कानून फायदेमंद होता है।। मुकदमे में किसान नहीं जमींदार को हमेशा सही माना जाता है। धनवान के लिए

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बहानेबाजों के पास कभी बहानों की कमी नहीं रहती है

8 जून 2022
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अनाड़ी कारीगर अपने औजारों में दोष निकालता रहता है। पकाने का सलीका नहीं जिसे वह देगची का कसूर बताता है।। कातना न जाने जो वह चर्खे को दुत्कारने चला। लुहार बूढ़ा हुआ तो लोहे को कड़ा बताने लगा।। जिसक

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हमेशा के डर से उससे एक बार गुजर जाना भला

9 जून 2022
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गर्म पानी से झुलसा कुत्ता ठण्डे पानी से भी डरता है। चूने से मुँह जले वाले को दही देखकर डर लगता है।। रीछ से डरा आदमी कंबल देखकर डर जाता है। दूध का जला छाछ को फूँक-फूँक कर पीता है।। ईश्वर से न ड

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दासता की हालत में कोई नियम लागू नहीं होता है

10 जून 2022
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जो अपना स्वामी स्वयं नहीं, उसे स्वतंत्र नहीं कहा जा सकता है । अत्यधिक स्वतंत्रता वाला इंसान सबकुछ चौपट करने लगता है ।। फरिश्तों की गुलामी करने से शैतानों पर हुकूमत करना भला । पिंजरे में बंद शेर स

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कल की मुर्गी से आज का अंडा भला होता है

10 जून 2022
9
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जब तक चूजे अंडे से बाहर न आ  जाएं तब तक उनकी गिनती नहीं करनी चाहिए। जब तक ताजा पानी न मिल जाए तब तक गंदे पानी को नहीं फेंकना चाहिए।। भालू के मरने से पहले उसकी खाल की कीमत नहीं लगानी चाहिए। मछली

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भरे पेट भुखमरी के दर्द को कौन समझता है

11 जून 2022
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पहनने वाला ही जानता है जूता कहाँ काटता है। जिसे कांटा चुभे वही उसकी चुभन समझता है।। पराये दिल का दर्द अक्सर काठ का लगता है। अपने दिल का दर्द सदा पहाड़ सा लगता है।। अंगारों को झेलना चिलम खूब जा

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मौत तारीख देखकर नहीं आती है

12 जून 2022
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7
0

सब मिट्टी से पैदा होकर उसी में मिल जाता है। राजा हो या रंक सबका अंत एक-सा होता है।। काम बिगड़ते देर नहीं बनते देर लगती है। मृत्यु गलतियों पर नकाब डाल देती है।। कभी के दिन तो कभी रात बड़ी होती है

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उसी का जीवन सुखी जो समय देख चलता है

12 जून 2022
10
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उसी का जीवन सार्थक है जो गलतियों से फायदा उठाता है। हमेशा जीते रहेंगे सोचने वालों का जीवन व्यर्थ में जाता है।। समय किसी अस्तबल में खूंटे से बंधे घोड़े जैसा नहीं रहता है। प्रतिकूल समय में अपने को उ

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फायदे अक्सर आदमी को गुलाम बना देते हैं

13 जून 2022
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सोने की बेड़ियां हों तो भी उसे कौन चाहता है। स्वतंत्रता स्वर्ण से अधिक मूल्यवान होता है।। बंदी  राजा  बनने से आजाद पंछी बनना भला। जेल के मेवे-मिठाई से रूखा-सूखा भोजन भला।। स्वतंत्रता का अर्थ खु

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युवा के पास ज्ञान तो वृद्ध के पास सामर्थ्य की कमी रहती है

13 जून 2022
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यौवन गुलाबी फूलों का सेहरा तो बुढ़ापा कांटों का ताज होता है। लम्बी उम्र सब चाहते हैं लेकिन बूढ़ा होना कोई नहीं चाहता है।। छोटी उम्र या कोरे कागज पर कोई भी छाप छोड़ी जा सकती है। युवा के पास ज्ञान तो

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उखड़े हुए पेड़ पर हर कोई कुल्हाड़ी मारता है

14 जून 2022
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मक्खन की हंड़िया सिर पर रखकर धूप में नहीं चलना चाहिए। बारूद के ढ़ेर पर बैठकर आग का खेल नहीं खेलना चाहिए।। छोटा से पैबंद न लगाने पर बहुत बड़ा छिद्र बन जाता है। धारदार औजारों से खेलना खतरे से खाली नही

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गोद में बैठकर आंख में उंगली करने वाले भी रहते हैं

14 जून 2022
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जिस धारा का पानी पिया उसे बहुत कम लोग याद रखते हैं। जिसकी रोटी खायी उसके गीत गाने वाले विरले मिलते हैं।। जो पेड़ छाया प्रदान करता है उसकी जड़ नहीं काटनी चाहिए। जिस कुएं से पानी लिया हो उसमें पत्थर

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दुश्मन के ख़ेमे में फूट पड़े तो उसकी हार निश्चित होती है

15 जून 2022
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ऊँट अपनी कूबड़ को कभी नहीं देखता है।  पराई थाली में घी ज्यादा दिखाई देता है ।। एक नेक काम के कई दावेदार निकल आते हैं।  कुत्तों के संगत में रहे तो पिस्सू चिपट जाते हैं  ।। अच्छा पड़ोसी मूल्यवान व

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तिल-तिल जीने वाला हर दिन मरता है

16 जून 2022
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किसी कानून से अधिक उसके उल्लंघनकर्ता मिलते हैं। ऊँचे पेड़ छायादार अधिक लेकिन फलदार कम रहते हैं।। शत्रु की मुस्कुराहट से मित्र की तनी हुई भौंहे अच्छी होती है। मूर्ख  से लड़ने के बजाय उसकी चापलूसी कर

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बेवकूफ डंडा तो समझदार इशारे की भाषा समझता है

17 जून 2022
5
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बह चुके पानी से कभी चक्की नहीं चलाई जा सकती है। लोहे से कई ज्यादा सोने की जंजीरें मजबूत रहती है।। चांदी के एक तीर से पत्थर में भी छेद हो सकता है। एक मुट्ठी धन दो मुट्ठी सच्चाई पर भारी पड़ता है।।

18

जब शेर पिंजरे में बन्द हो तो कुत्ते भी उसे नीचा दिखाते हैं

17 जून 2022
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जब मनुष्य सीखना बन्द कर देता है तभी से वह भी बूढ़ा होने लगता है। बुढ़ापा चेहरे पर उतनी झुरियाँ नहीं जितनी किसी के मन पर डालता है।। अनुभव से बुद्धिमत्ता और कष्ट से अनुभव प्राप्त होता है। बुद्धिमान

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ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो दुःख और रोग से अछूता रहता है

18 जून 2022
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ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो दुःख और रोग से अछूता रहता है।  थोड़ी देर का सुख बहुत लम्बे समय का पश्चाताप होता है ।। एक बार कोई अवसर हाथ से निकला तो वापस नहीं आता है।  दूध बिखरने के बाद रोने-चिल्लाने से क

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बहुत लोगों को डराकर रखने वाला भी बहुत लोगों से डरता है

19 जून 2022
6
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बुरे संग प्रार्थना करने से भले लोगों संग मिलकर डाका डालना भला। सुन्दर वस्त्र पहन नरक जाने से चिथड़े पहनकर स्वर्ग जाना भला।। बेडौल लोहे को हथौड़े से पीट-पीटकर सीधा करना पड़ता है। शेर की मांद में घुसन

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आग से खेलने वालों के हाथ राख ही लगती है

20 जून 2022
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आदमी काम से ज्यादा चिन्ता से जल्दी मरता है । गधा दूसरों की चिन्ता से अपनी जान गंवाता है।। धन-सम्पदा चिन्ता और भय अपने साथ लाती है । धीरे-धीरे कई चीजें पकती तो कई सड़ जाती है।। विपत्ति के साथ आद

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कुत्तों के भौंकने से हाथी अपना रास्ता नहीं बदलता है

21 जून 2022
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हर बात पर संदेह करने वाला कुछ भी नहीं कर पाता है । दो काम एक साथ हाथ में लेने वाला फुर्सत में पछताता है।। अपराधी को दंड न मिले तो अपराधों को बढ़ावा मिलता है। मृदु भाषा में दिया गया आदेश बहुत शक्ति

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लकड़ी ने हत्था दिया कुल्हाड़ी को वह उसे काटने चला

22 जून 2022
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सांप को दूध पिलाने पर वह मित्र तो नहीं बन जायेगा।  आग में गिरे बिच्छू को उठा लें तो वह डंक ही मारेगा।।  गड्ढे में गिरे हुए कुत्ते को बाहर निकालो तो वह काट लेगा। भेड़िये को खूब खिला-पिलाओ पर वह जंग

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गड्ढे में गिरे हाथी को भी चमगादड़ लात मारता है

23 जून 2022
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धरती पर टिके रहने वाला उससे नीचे नहीं गिरता है। नदी पार करने वाला ही उसकी गहराई समझता है ।। सही वक्त पर बददुआ भी दुआ का काम कर जाता है । वक्त आने पर छोटा पत्थर बड़ी गाड़ी पलटा देता है।। शेर पर

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पहले से भीगा आदमी बारिश को महसूस नहीं करता है

24 जून 2022
5
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गम का एक दिन हँसी-ख़ुशी के एक माह सा लगता है।  दुःखी आदमी का समय सदा बहुत धीरे-धीरे कटता है।। हँसी-ख़ुशी टिकती नहीं वह पंख लगाकर उड़ जाती है। दर्द के मारे जागने वालों की रातें बहुत लम्बी होती है।।

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बन्दर बहुत ऊँचा चढ़ने पर अपनी दुम ज्यादा दिखाता है

24 जून 2022
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बन्दर बहुत ऊँचा चढ़ने पर अपनी दुम ज्यादा दिखाता है । ऊँची डींग हांकने वाला जीवन में कुछ नहीं कर पाता है ।।   कुत्ते को हक़ मिला वह नदी प्रवाह विरुद्ध तैरने चला । गधा पहाड़ पर क्या चढ़ा वह उसे छोटा

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वहाँ बुद्धिमानी किस काम की जहाँ मूर्खता से काम चलता है

25 जून 2022
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कोई जंजीर सबसे कमजोर कड़ी से ज्यादा मजबूत नहीं होती है। हर कोई भाग खड़ा होता जहाँ दीवार सबसे कमजोर दिखती है।।   बड़े घंटों के बजने पर छोटी  घंटियों की आवाज दब जाती है । अपनी गलती का पता लगा लेना बड

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अमीरों की बजाई धुन पर गरीबों को नाचना पड़ता है

25 जून 2022
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धनवान को काँटा चुभने की खबर सारे शहर में फैलती है।  निर्धन को साँप भी काटे तो भी कोई खबर नहीं बनती है।।   गरीब की जवानी और पौष की चांदनी बेकार जाती है।  आसमान से बला उतरी तो वह गरीब का घर पूछती  ह

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बिगाड़ने में नहीं बनाने में बहुत समय लगता है

25 जून 2022
4
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दुश्‍मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। मामूली घाव की भी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।। भेड़िये की मौत पर भेड़ अपनी खैर मनाता है।  कुत्ते की मौत पर भेडिया नहीं रोया करता है।। शैतान की मौत से इंसान को

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हर हिंसा सबसे पहले गरीब का घर उजाडती है

26 जून 2022
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एक जगह पहुंचकर अच्छे-बुरे में बहुत कम दूरी रहती है। कुछ लोगों की दुष्टता बहुत लोगों की मुसीबत बनती है।। चूने से  मुँह जला आदमी दही देखकर भी डरता है। डंक खाया आदमी बहुत अधिक चौकन्‍ना रहता है।।

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विपत्ति में सच्चे-झूठे मित्र पहचान लिए जाते हैं

26 जून 2022
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मित्र के घर का रास्ता कभी लम्बा नहीं होता है।। मित्रों का भला करने वाला अपना भला करता है।। बिना विश्वास कभी मित्रता चिर स्थाई नहीं रहती है। मैत्री में महज औपचरिकता अधूरेपन को दर्शाती है।। दूसर

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कोई भी सेब पेड़ से बहुत दूर नहीं गिरता है

26 जून 2022
4
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कोई भी सेब पेड़ से बहुत दूर नहीं गिरता है। बछड़ा अपनी माँ से बहुत दूर नहीं रहता है।। दूर का पानी पास की आग नहीं बुझा सकता है। मुँह मोड़ लेने पर पर्वत भी दिखाई नहीं देता है।। दूर उड़ते हुए पंछी क

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धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है

26 जून 2022
4
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जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं।। एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं।।   जल्दीबाजी में शादी करने वाला फुर्सत में पछताता है।। छटाँक भर धैर्य सेर भर सूझ-बूझ के बराबर ह

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बड़े मुर्गे की तर्ज पर छोटा भी बांग लगाता है

26 जून 2022
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बड़े मुर्गे की तर्ज पर छोटा भी बांग लगाता है। एक खरबूजे को देख दूसरा भी रंग बदलता है।।   एक कुत्ता कोई चीज देखे तो सब उसे ही देखते हैं। बड़े पंछी को देखकर छोटे-छोटे भी गाने लगते हैं।।   एक अंगूर क

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जूते में पड़े कंकर की चुभन कोई दूसरा नहीं जानता है

26 जून 2022
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दूसरे के भरे बटुए से अपनी जेब के थोड़े पैसे भले होते हैं। समझदार पराया महल देख अपनी झोंपड़ी नहीं गिराते हैं।। अपना सिक्का खोटा तो परखने वाले का दोष नहीं होता है। दूसरों का भाग्य सराहने वाला अपने भा

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कायर अपनी मौत से पहले कई बार मरते हैं

27 जून 2022
4
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0

साहस के बल पर डर को भी छिपा सकते हैं। कायर अपनी मौत से पहले कई बार मरते हैं।। लज्जित से सम्मानपूर्वक मरना भला होता है। भाग्य हमेशा साहसी इंसान का साथ देता है।। बिना साहस कोई ऊँचा पद प्राप्त नहीं क

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अति मीठे को कीड़ा खा जाता है

27 जून 2022
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0

अति परिचय से अवज्ञा होने लगती है। बहुत तेज हवा से आग भड़क उठती है।। अति बुराई का रूप धारण कर लेती है। उचित की अति अनुचित हो जाती है।। कानून की अति अत्याचार बढाता है। अमृत की अति से विष बन जाता

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शालीन इंसान अपमान से बचा रहता है

27 जून 2022
5
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एक पक्ष की नम्रता बहुत दिन तक नहीं चल पाती है। एक बार शालीनता छोडने पर लौटकर नहीं आती है।। दूध में उफान आने पर वह चूल्हे पर जा गिरता है। शालीन व्यक्ति नम्रता धृष्ट व्यक्ति से सीखता है।। वह कभी

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नेक इंसान नेकी करके उसका ढोल नहीं पीटता है

27 जून 2022
4
4
0

प्रत्येक सद्‌गुण किन्हीं दो अवगुणों के मध्य पाया जाता है। अच्छाई सीखने का मतलब बुराई को भूल जाना होता है।।    धन-सम्पदा, घर और सद्‌गुण मनुष्य की शोभा बढ़ाता है। सद्‌गुण प्राप्ति का कोई बना-बनाया रा

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ईर्ष्या के दफ्तर में कभी छुट्टी नहीं मिलती है

27 जून 2022
4
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0

ईर्ष्या के बल पर कभी कोई धनवान नहीं बनता है। ईर्ष्या के डंक को कोई भी शांत नहीं कर सकता है।। लोहे के जंग जैसा ईर्ष्या मनुष्य को भ्रष्ट करती है। ईर्ष्यालु अपने बाणों से अपनी हत्‍या कर देती है।।

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भूख की मार तलवार से भी तेज होती है

28 जून 2022
4
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भूख सयानों को भी दीवाना बना देती है। भूख की मार तलवार से भी तेज होती है।। भूखा कुत्‍ता डंडे की मार से नहीं डरता है। भूखा आदमी कौन-सा पाप नहीं करता है।। भूखा गधा हर तरह की घास खा जाता है। भूख

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मजबूरी के आगे किसी का जोर नहीं चलता है

28 जून 2022
4
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0

कुँए में गिरे शेर को बंदर भी आँखें दिखाता है। कीचड़ फँसे हाथी को कौआ भी चोंच मारता है।।   मुसीबत में फँसा शेर भी लोमड़ी बन जाता है। मजबूरी के आगे किसी का जोर नहीं चलता है।।   विवशता नई-नई सूझ-बू

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सोना नहीं गधे को तो घास पसंद आती है

28 जून 2022
5
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अपना ही जूता पैर के लिए ठीक रहता है। हर ताला अपनी ही चाबी से खुलता है।। हर लकड़ी तीर के उपयुक्त नहीं रहती है।  सब चीजें सब लोगों पर नहीं जँचती है।। हर मनुष्य की अपनी-अपनी जगह रहती है ।।  हरेक

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जो सीढ़ी नहीं चढ़ सकता वह भला पहाड़ पर क्या चढ़ेगा

28 जून 2022
4
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0

वक्त से एक टांका लगा लें तो बाद में नौ टाँके नहीं लगाने पड़ते हैं।  खेल ख़त्म तो बादशाह व प्यादे को एक ही डिब्बे में बंद करते हैं।। हाथी को कितना भी नहला दो वह अपने तन पर कीचड मल देगा।  भेड़िये क

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धूप में धूल के कण भी चमकदार मालूम पड़ते हैं

29 जून 2022
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0

शक्कर सफेद हो या भूरी उसमें उतनी ही मिठास रहेगी। गुलाब को कुछ भी कहो उससे उतनी ही सुगंध आयेगी।। सेब भीतर कीड़ा लगने पर किसी काम नहीं आता है। शाही पोशाक पहना देने पर बंदर-बंदर ही रहता है।। किसी

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सच्‍चा आदमी डंके की चोट पर बोलता है

29 जून 2022
4
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0

सच्‍चा आदमी डंके की चोट पर बोलता है। झूठा बात को घुमा-फिरा कर रखता है।। झूठे इंसान पर कोई यकीन नहीं करता है। सच काई के ढके तालाब में छिपा रहता है।। सच की लंबी डोर कोई तोड़ नहीं पाता है। एक दिन

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बादल हर छत पर एक सा बरसता है

29 जून 2022
6
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1

समझ न आने वाला हमेशा अनोखा होता है। सबसे ज्यादा जानकार बहुत काम बोलता है।।  खोटा सिक्का और बेटा वक्त पर काम आता है। महल नहीं कुटिया में संतोष पाया जाता है।।  एक झूठ के पीछे से दूसरा भी चला आता

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उधार के साए में दुश्मनी पलती हैं

29 जून 2022
5
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0

दंड भोगना नहीं अपराध करना शर्म की बात होती है। जीभ में हड्डी नहीं फिर भी वह हड्डियाँ तुड़वा देती है।। लाभ की चाहत में बुद्धिमान भी मूर्ख बन जाते हैं। उधार के कपड़े तन पर कभी सही नहीं आते हैं।। द

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नया झाड़ू अच्‍छे से सफाई करता है

30 जून 2022
6
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0

कीचड़ फंसा आदमी दूसरे को भी उसी में खींचता है। समझदार शांति को बाहर नहीं अपने अंदर ढूंढता है।। कान के रास्ते किसी के दिल तक पहुँच सकते हैं। जिन्‍हें लाज नहीं आती वही आधा राज करते हैं।। बारह वर्

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दो नावों पर पैर रखने वाला मझधार में डूबता है

30 जून 2022
4
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0

एक छोटा-सा उपहार बहुत बड़े वचन से बढ़कर होता है। बैल सींग तो आदमी को उसकी जबान से पकड़ा जाता है।। मेढ़कों के टर्र-टर्राने से गाय पानी पीना नहीं छोड़ती है। कुत्ते भौंकते रहते हैं पर हवा जो चाहे उड

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