मेरी कविता
आज खुद का ही खुद से मैं एक पंगा रचने जाउंगी,... इन ख़बरों के ठेकेदारों की सारी सच्चाई बतलाऊँगी,मीडिया जिसको लोगों का चौकीदार बनना था,ख़बरों की सच्चाई मे मासूमों की अच्छाई होना था,आज वही दिखता है मुझको करप्टों की पोशाकों में,बिकने को ही आमादा है दिन रात हर पहरों में,गले मिले सलमान स