आज खुद का ही खुद से मैं
एक पंगा रचने जाउंगी,...
इन ख़बरों के ठेकेदारों की
सारी सच्चाई बतलाऊँगी,
मीडिया जिसको लोगों का
चौकीदार बनना था,
ख़बरों की सच्चाई मे
मासूमों की अच्छाई होना था,
आज वही दिखता है मुझको
करप्टों की पोशाकों में,
बिकने को ही आमादा है
दिन रात हर पहरों में,
गले मिले सलमान से शाहरुख़
ये ख़बरों का पैमाना है,
और बतलाते सनी लियोनी का
हिन्दुस्तान में ही खजाना है,
अपनी ही सेना के तुम
आँचल पर दाग लगाते हो,
और हमेशा दाऊद की खातिर
ख़बरों में समय बिताते हो,
हिन्दू के मरने को तुम
घर का मसला करते हो,
मुस्लिम की मौत पर
देश का दंगा करते हो,
लोकतंत्र के विश्वासों को
तुमने मार गिराया है,
हिन्दू और मुसलमान को
आपस में भिडवाया है,
साठ साल की लूट पर तुम
बिलकुल मौन बने रहे,
एक सूट के बिकने की
अच्छाई को बिल्कुल भूल गए,
शहरों में जब पापी दानव
दुष्कर्मों में लगे रहे,
तुम प्रिंस और कैट के बच्चे के
बर्थ सेलिब्रेशन में बस लगे रहे,
हम भी अब ये समझ चुके हैं
चीज ये बेहद गन्दी है,
मीडिया पोर्टल कुछ नहीं बस
ब्लैकमेलिंग की आँधी है,
लाचारों की बनो रोशनी
अंधों की लाठी बन जाओ,
सत्य बताओ निष्पक्ष बताओ
और फिर से दिलों मे बस जाओ।
- चारु वार्ष्णेय
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