10 फरवरी 2015
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Mera naam hemant singh hain. Maine m.a kiya hain. Aur is samay lekhni ka kaam karta hun. Dhanyavaad.D
पूरी पोस्ट तो है ही नहीं .ध्यान दीजिये .
ना छोड़ बन्दे आस तू . कर प़यास तू . राते कटेगीँ सबेरा भी होगा . तेरे विरान शहर मे बसेरा भी होगा . उम्वीदो के दीपक मन मे जलाकर, कर निरन्तर अभ्यास तू . तू कर सकता है तू चल सकता है . है हिम्मत भी तेरे मे . तू लड़ सकता है तू बढ़ सकता है . है साहस भी तेरे मे . मजबूत कर खुद को इतना, दिल से ना हार तू. ना छोड़ बन्दे आस तू . कर प़यास तू.
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मैने सबकुछ लिखा
आना और जाना खेल हैं , इसे खेलना पड़ेगा.जिन्दगी छाँव व धूप का मेल हैं, इसे झेलना पड़ेगा.राहो में मुश्किल चाहें जितना भी आयें.पर लक्छ्य को हमे भेदना पड़ेगा.
नमस्कार
यह शायरी हमें निरन्तर चलने की प्रेरणा देती है.