ये रोज़ की तरह एक आम शाम है समय 8 बजकर ३५ मिनट हो रहे है आदित्य का मन कुछ ठीक नहीं है। आदित्य एक इन्वेस्टमेंट बैंकर है आज सुबह ९ बजे से वो लगातार काम कर रहा है महीने के आखिरी दिनों में आदित्य का काम वैसे भी बहुत बढ़ जाता है। आदित्य ने सोचा क्यों न एक कॉफी पी ली जाये उसे अभी लगभग २ घंटे और बैठना है। आदित्य अपने चैम्बर से निकल कर बहार सड़क पर चल निकला , पास ही उसे पता था एक कैफ़े है बस वो सोच रहा था कहीं वो बंद न हो गया हो। उसकी किस्मत अच्छी निकली कैफ़े खुला था हालाँकि खाली पर उससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता , वो अंदर जा कर एक सोफे पर बैठ गया। वेटर ने उसे देख कर मुस्कुराया और उसका ऑडर लेने चला गया , आदित्य की ये फेवरेट जगह थी वो अक्सर शाम यहीं आता था और हमेशा इस कैफ़े का आखरी कस्टमर ही होता था। आदित्य हमेशा की तरह टांगों को टैंगो पर चढ़ाये फोन पर सर्फिंग शुरू कर चुका था ,
सर आपकी कॉफ़ी वेटर ने आदित्य की तरफ उसकी फेवरेट कैपेचीनो विथ लॉट्स ऑफ़ क्रीम की कॉफ़ी बढ़ा दी। चुस्किया और रोजाना की उलूल जुलूल खबरें यही सब चल रहा था।
तभी कैफ़े में एक और आदमी ने प्रवेश किया काले रंग का वेस्ट कोट काली शर्ट और गाढ़े नीले रंग की ट्राउज़र पैरों में नोकदार चमड़े का चमकदार जूता। आदित्य ने अचानक से ठण्ड महसूस की हलाकि ये सर्द मौसम था पर बंद कैफ़े के अंदर अचानक से इतनी ठण्ड गौर करने लायक थी , पर आदित्य फिर से अपनी कॉफ़ी की चुस्कियों में डूब गया।
- अगर आपको तकलीफ न हो तो मैं यहाँ बैठ सकता हूँ
आदित्य ने चौक कर देखा तो वो शानदार लम्बा आदमी उसके सामने खड़ा था जिसे उसने अंदर आते देखा
- हाँ क्यों नहीं जहाँ मर्जी हो वहां बैठिये
-शुक्रिया
वेटर ने टेबल पर आकर पूछा
-जी सर
उस लम्बे आदमी ने जवाब दिया
-एक कैपेचीनो विथ लॉट्स ऑफ़ क्रीम
आदित्य ये सुन कर थोड़ा चौंका ये तो वही ऑडर कर रहा है जो उसकी फेवरेट है, पर क्या हुआ लाखों लोगो की पसंद एक सी होती है
आदित्य ने शिष्टता पूर्वक उसे कहा
-कमाल है आपकी और मेरी पसंद क एक सी है
-हाँ आपको पसंद है शायद इसलिए मुझे भी पसंद है
आदित्य उसका ये जवाब सुन कर थोड़ा सकपका गया , मन में सोचने लगा कैसा बेवकूफी भरा जवाब था। और फिर से फोन पर स्क्रोलिंग करने लगा
आदित्य फोन पर कुछ पढता और मुस्कुराता जाता। सामने बैठे आदमी ने उत्सुकता वश पूछा
-ऐसा क्या पढ़ रहे है आप जो आपकी मुस्कराहट बंद नहीं हो रही
आदित्य ने हँसते हुए कहा की
-आज कल लोग कितने बेवकूफ हो गये है जो अन्धविश्वाश में डूबे रहते है और जनाब पागलों की फ़ौज बड़े चटकारे लेकर उन्हें सुनती और पढ़ती भी है
ये देखिये एक जनाब है जिनका कहना है की वो साक्षात् मौत से मिले है और जरा इनका डिस्क्रिब्सन भी सुनिए की वो जब आयी तो कमरे में ठण्ड बढ़ गयी
वो मुझे ले जाना चाहती थी पर मैंने उससे कुछ मोहलत और मांग ली , फलां फलां जाने क्या क्या। एक नंबर का गधा ये आदमी और जरा इसके शेयर देखिये लाखों
की तादात में है।
- हो सकता है वो सच ही कह रहा हो
-आप भी कैसी बातें करते है ये सब बस ढोंग है। लोगो का ध्यान अपनी तरफ खींचने का मैं तो मानसिक बीमार मानता हूँ ऐसों को
-हाँ पर सच भी तो हो सकता है
-कतई नहीं ! आप भरोसा करते है ऐसी दखियानुसी बातों पर। क्या आप मिले है कभी मौत से
इतना कह कर आदित्य जोरों से हंस दिया
सामने बैठे आदमी ने आदित्य की आँखों में झाँक कर कहा
-कोई खुद से कैसे मिल सकता है
-मतलब
-मतलब मैं ये कहु की मैं ही मौत हूँ और तुमसे मिलने आया हूँ तो
-क्या बकवास है
-हा हा हा क्या हुआ ऐसा हो नहीं सकता
-आप मुझे पढ़े लिखे व्यक्ति लगते है ऐसी बेवकूफी की बातों का पिटारा आप खोलेंगे मुझे नहीं लगता था
-पर मैं सच कह रहा हूँ बस कुछ ही मिनटों में तुम मरने वाले हो तो मैंने सोचा क्यों न तुमसे रूबरू हो लूँ और तुम्हारे ये भरम तोड़ दूँ की सब
अंधविश्वाशी और झूठे नहीं होते कुछ बातें सच भी होती है।
-क्या बकवास है
ये कहकर आदित्य ने अपनी कॉफ़ी उठायी और दूसरी सीट पर जा बैठा
वो फिर से अपनी सर्फिंग में लग गया। उसने सोचा कौन मुंह लगे इन जैसे पढ़े लिखे जाहिलों से। थोड़ी देर बाद जब उसने दोबारा नज़र डाली तो देखा
वो आदमी जा चूका था , उसकी कॉफ़ी भी ख़त्म हो चुकी थी। उसने वेटर को बिल के लिए आवाज़ लगाई वेटर बिल ले आया।
-ये क्या ये दो कॉफ़ी के रेट क्यों लगाए है
-अपने दो कॉफ़ी है सर
-नहीं एक मैंने ली थी और दूसरी उस आदमी ने जो यहाँ बैठा था
-सर यहाँ आपके अलावा कोई नहीं है
-बकवास मत करो
-सर मैं सच कह रहा हूँ
-अपने मैनेजर को बुलाओ
वेटर परेशां हो कर चला गया
-अजीब आदमी है दो कॉफ़ी पी गया कहता है मैंने नहीं ली फलां ने ली अरे जब कोई है है नहीं तो पियेगा कौन
मैनेजर ने आकर पूछा
-जी सर कोई परेशानी
-यार कैसे कैसे लोग रखे है अपने एक की जगह दो कॉफ़ी का रेट लगते है जब की मैंने एक ही ली है
-नहीं सर अपने दो कॉफ़ी ही आर्डर की थी
-अजीब लोग है आप लोग दूसरी कॉफ़ी तो उस आदमी ने आर्डर की जो मेरे सामने बैठा था
-यहाँ आपके शिव और कोई नहीं है सर
-ओफ्फ ! आप अपना cctv कैमरा चेक करिये अभी सब दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा
मैनेजर और आदित्य दोनों मॉनिटर की तरफ बड़े और मैनेजर ने कुछ देर पहले की फुटेज चला दी
आदित्य आश्चर्यचकित था मैनेजर और वेटर सच कह रहे थे वहां कोई नहीं था दोनों कॉफ़ी उसने ही मंगाई थी पर उसने उस दुसरे आदमी को देखा था
उससे बातें की थी। तो क्या वो सच में ?
आदित्य ने बिल भरा और कैफ़े के बहार आया उसने देख रोड के उस पर वो ही आदमी उसे दिखाई दिया जो उसे देख कर मुस्कुरा रहा था।
आदित्य धड़ाम से जमीन पर गिर पड़ा।