विचारक
निःशुल्क
ये रोज़ की तरह एक आम शाम है समय 8 बजकर ३५ मिनट हो रहे है आदित्य का मन कुछ ठीक नहीं है। आदित्य एक इन्वेस्टमेंट बैंकर है आज सुबह ९ बजे से वो लगातार काम कर रहा है महीने के आखिरी दिनों में आदित्य का काम वै
मन संतोष सुनत कपि बानी, भगती प्रताप तेज बल सानी। आसिष दीन्हि रामप्रिय जाना, होहु तात बल सील निधाना।। नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका वाडर वुड स्टोरीज में। आप सब के साथ किये वादे को निभाने के लिए मे
आठों योग सीढ़ियों को प्राप्त करने वाले चिरंजीवी हनुमान जी ने अपना ब्रह्म ज्ञान और अनुभव बाँटने के लिए कुछ विशेष आदिवासी शिष्य चुने। उन्होंने वचन दिया था की वे हर ४१ वर्ष पश्चात् अपने शिष्यों की नयी