दिनांक 08/02/2022
दिन-मंगलवार
समय-09.30रात्रि
दैनन्दिनी बच्ची राम राम 🖐️🖐️
कैसी हो डियर 😊😊
बिल्कुल ठीक 😍😍
कुछ पूछा तुमने 🌹🌹
मैं उदास क्यों हूं 🙃🙃
डायरी बच्ची, बच्चे हास्टल चलें गये है इसलिए मन उदास हो गया है। घर सूना सूना लग रहा है। मैं बैठी रो रही थी कि तुम आ गईं। बच्चों से घर भरा रहता है और जब चलें जातें हैं तो चहारदीवारी भी सन्नाटे में सायं सायं करतीं हैं।
मेरी प्यारी सखी, दुनिया में परिवार और बच्चों से बढ़ कर कुछ नहीं होता है। बच्चे मां बाप की जिंदगी बदल देते हैं और एक समय ऐसा आता है कि आगे पढ़ने के लिए बाहर निकल जाते हैं और फिर तो नौकरी, परिवार के चक्कर में मां बाप के लिए मेहमान बन जाते हैं। जिनके लिए मकान और संसाधन जुटाए उसमें हम अकेले पति-पत्नी रह जाते हैं।जो मकान घर बन खुशियों से चहचहाता रहता है बच्चों की वजह से। वहीं घर दो लोगों में फिर मकान बन जाता है बच्ची।
सखी, चलों, कुछ बनाया जाएं।साहब आने वाले होंगे।आओ, रसोई में चलते हैं। यहां सबको बाय बाय बोलते हैं 🖐️🖐️🖐️🖐️🖐️🖐️🖐️🖐️🖐️🖐️🖐️
शुभ रात्रि इवरीवन😍😍😍😍😍