Dear dairy....
Sorry ....sorry मेरी डायरी I am really sorry... मुझे पता है तुम मेरे से क्यू नाराज हो ।तुम्हारी नाराजगी जायज़ भी हैं ,आखिर मैंने तुमसे वादा किया था कि अपने पूरे दिन की हाल - चाल और अपने मन की उथल पुथल तुमसे साझा करूंगी पर क्या करू इतनी व्यस्तता आ गई है मुझे खुद से ही मिलने का समय नहीं मिल पा रहा ....पर फिर भी मैं पूरी कोशिश करूंगी तुम्हारे लिए समय निकालू.. इस तरह से तुमसे मिलने के बहाने खुद से भी मिल लिया करूंगी ।
Dear dairy आज मै अनुभव की कि हम सब हमेशा दूसरों से कुछ ना कुछ अपेक्षा करते ही रहते है और अगर सामने वाला इसे पूरा ना करे या ना कर पाए इन दोनों ही स्थितियों में हम क्रोध के वश में आ जाते है और अगर हम इस समय अपने ज्ञान को जागृत करने अथार्थ खुद को शांत करने की कोशिश करे तो हमारा अहंकार ऐसा होने से रोकता है हम छोटी सी बात को भी तिल का ताड़ बना देते है ।
अगर यह स्थिति बदली और सामने वाला हमसे कुछ अपेक्षा कर रहा है और किसी कारणवश इसे पूरा करने में खुद को असमर्थ पाते है तो सिथे सपाट भाषा में अपनी असमर्थता को बता देते है साथ ही हम यह भी चाहते है कि सामने वाला बिना कुछ कहे हमारी परेशानी को समझ भी ले ।
ध्यान से इसे देखे तो इसमें हमारे अहंकार की मुख्य भूमिका होती है इसी के वजह से हम सच्चाई जानते हुए भी हम यह सहन नहीं कर पाते कि कोई हमे या हमारी बातों को अनदेखा करे।हम इस झूठे अहंकार के वजह से अपने करीबी रिश्तेदारों से दूर होने लगते है ...और अंत में हम खुद को अकेला पाते है ,सच तो यह है ,कि अगर हम किसी बर्दाश्त कर रहे होते है तो कोई और भी हमारे अजीबोगरीब व्यवहार को बर्दाश्त कर रहा होता है ।
Dear dairy मेरी कोशिश रहेगी कि आगे से अपने अहंकार की वजह से कोई फैसला ना करू।
आज बस इतना ही....मेरी पूरी कोशिश होगी कल तुमसे मुलाकात करने की😊